Post Views: 727 कश्मीरमें सुरक्षा व्यवस्थाके मोरचेपर नयी चुनौती सामने आयी है, जिससे सुरक्षाबलोंकी दिक्कतें बढ़ गयी हैं। नयी चुनौती हाईब्रिड आतंकियों या पार्टटाइम आतंकियोंसे उत्पन्न हुई है। नयी परिपाटीके इन आतंकियोंकी संख्या बढ़ रही है, जिन्हें पहचानना भी जटिल कार्य है। ऐसे आतंकियोंको पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआईका संरक्षण प्राप्त है। इनके निर्देशपर […]
Post Views: 681 हृदयनारायण दीक्षित होली जन-गण-मनका निरूद्देश्य खेल है। इसका कोई सुव्यवस्थित कर्मकाण्ड नहीं है। प्रकृति अपने उद्भवके समयसे उत्सवधर्मा है। सूर्य आनन्ददाता है। वह उगते समय ऊषा सुंदरी होते हैं। चन्द्रका उगना घटना और घटते-घटते अमावस्या हो जाना प्राकृतिक खेल है। चन्द्रका १५ दिनतक बड़ा होते जाना और पूर्णिमा होना है। वर्षा हेमंत, […]
Post Views: 1,010 जल ही जीवन है और जलके अभावमें जीवनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है लेकिन दुर्भाग्यकी बात यह है कि शुद्ध जल आज जन-सामान्यको सुलभ नहीं है। प्रदूषित जल ग्रहण करना मानवकी विवशता बन गयी है। इससे आम जीवनपर संकट बढ़ गया है क्योंकि जलजनित बीमारियोंका दंश निरन्तर बढ़ता जा रहा […]