Post Views: 1,069 यह डिजीटल समय है, जहां सूचनाएं, संवेदनाएं, सपने-आकांक्षाएं, जिन्दगी और यहांतक कि कक्षाएं भी डिजिटल हैं। इस कठिन कोरोना कालने भारतको असलमें डिजिटल इंडिया बना दिया है। जिन्दगीका हर हिस्सा तेजीसे डिजिटल हुआ है। पढ़ाई-लिखाईके क्षेत्रमें इसका व्यापक असर हुआ है। प्राइमरीसे लेकर उच्चशिक्षा संस्थानोंने आनलाइन कक्षाओंका सहारा लेकर नये प्रतिमान रचे […]
Post Views: 1,060 डा. भरत झुनझुनवाला कैबिनेटने हालमें जापानके साथ एक अनुबंधको मंजूरी दी है जिसके अंतर्गत भारतके कुशल श्रमिक जापान जाकर कार्य कर सकेंगे। यह कदम सुदिशामें है और इसे पूरी क्षमतासे लागू करना चाहिए। मैकेन्सी ग्लोबल सलाहकारी कम्पनीके अनुसार वर्तमानमें विश्वमें आठ करोड़ कुशल कर्मचारियोंकी कमी है जबकि विकासशील देशोंमें नौ करोड़ अकुशल […]
Post Views: 749 हृदयनारायण दीक्षित श्रीकृष्ण परिपूर्ण हैं। वे इकाई और अनंत भी हैं। प्रकृतिकी चरम संभावना। सहज संसारी। असाधारण मित्र। अर्जुनसे मित्रता हुई तो उसका रथ हांका। उसे विषाद हुआ। संपूर्ण तत्व-ज्ञान उड़ेल दिया। संशय नहीं मिटा तो दिखाया विश्वरूप। हम सब विश्वमें हैं। विश्वका भाग हैं। विश्वमें रमते हैं। लेकिन विश्वदर्शनमें रस नहीं […]