News TOP STORIES उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड नयी दिल्ली मध्य प्रदेश महाराष्ट्र रांची राजस्थान राष्ट्रीय लखनऊ

मल्लिकार्जुन खड़गे ने CWC की जगह बनाई 47 सदस्यीय संचालन समिति,


 नई दिल्ली, कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्यभार संभालने के बाद एक्‍शन में आ गए हैं। देर शाम बुधवार को उन्‍होंने 47 सदस्यीय संचालन समिति (Congress Steering Committee) का गठन किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। हालांकि, इसमें कांग्रेस अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है। नकी अध्यक्षता में अंतरिम पैनल कांग्रेस कार्य समिति की जगह लेगा, जो पार्टी की शीर्ष फैसले लेने वाली संस्था है। यह समिति खड़गे के चुनाव की पुष्टि के बाद तब तक काम करेगी, जब तक कि पार्टी पूर्ण रूप में एक नई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) नहीं बनती है।

कार्यभार संभालने के कुछ घंटों बाद की गई घोषणा

पिछले सीडब्ल्यूसी के अधिकांश सदस्यों को समिति में बरकरार रखा गया है, जिसकी घोषणा खड़गे के नए पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ घंटों बाद की गई थी। पार्टी के सभी सीडब्ल्यूसी सदस्यों और पदाधिकारियों ने नए पार्टी प्रमुख को अपना इस्तीफा सौंप दिया, ताकि वह अपनी टीम चुन सकें। कांग्रेस में हर बड़ा फैसला कांग्रेस कार्य समिति (CWC) द्वारा लिया जाता है। उस कमेटी में कुल 23 सदस्य होते हैं. लेकिन अब मल्लिकार्जुन खड़गे ने उस कांग्रेस कार्य समिति को भंग कर दिया है। उसकी जगह उन्होंने एक नई कमेटी बना दी है, जिसमें 47 सदस्यों को जगह दी गई है। माना जा रहा है कि अब ये कमेटी कांग्रेस पार्टी को लेकर सभी बड़े फैसले लेगी।

 

कांग्रेस कार्य समिति के स्थान पर काम करेगी

एआईसीसी महासचिव (संगठन) के एक कम्‍युनिकेशन के अनुसार, समिति के सदस्यों में पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, एके एंटनी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। वेणुगोपाल ने आदेश में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद XV (बी) के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने संचालन समिति का गठन किया है, जो कांग्रेस कार्य समिति के स्थान पर काम करेगी। सीडब्ल्यूसी कांग्रेस का सर्वोच्च फैसले लेने वाला निकाय है। संचालन समिति अब पार्टी के पूर्ण सत्र में खड़गे के चुनाव के अनुसमर्थन तक सभी फैसले लेगी, जिसमें सभी पीसीसी प्रतिनिधि शामिल होंगे। कांग्रेस का पूर्ण सत्र अगले साल मार्च में होने की संभावना है।