- : वाणी में मधुरता मगर द्दढ़ इरादों वाले महंत नरेन्द्र गिरि के आक्समिक निधन से संत समाज के साथ सनाधन धर्म के करोड़ों अनुयायियों को व्यथित हुये हैं। श्रद्धालुओं की अश्रुधारा और गुलाब की पंखुड़यिों की बरसात के बीच भू समाधि ले चुके अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष अपने पीछे कई गुत्थियां छोड़ कर गये है जिन्हे सुलझाने में सुरक्षा एजेंसियों को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। वहीं महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद 1.45 मिनट का वीडियो सामने आया है. ये वीडियो बाघंबरी मठ में पुलिस के पहुंचने के बाद का है। इस वीडियो में फर्श पर महंत का शव दिखाई दे रहा है। वीडियो में आईजी केपी सिंह इस बाबत मठ में रहने वाले शिष्यों से पूछताछ करते भी दिख रहे हैं।
वीडियो से मिली अलग-अलग जानकारी के बाद कई सवाल खड़े हुए
यह वीडियो उस कमरे का है, जिसमें महंत का शव फंदे पर लटका मिला। वीडियो शुरू होते ही महंत नरेंद्र गिरि का शव फर्श पर पड़ा नजर आता है और बगल में ही महंत के कथित सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बताए गए बलबीर गिरि खड़े नजर आते हैं। वीडियो के अगले फ्रेम में एक फोटोग्राफर और एक दरोगा नजर आते हैं। इसके बाद कैमरा कमरे में पड़े बिस्तर और वहां सजाई गईं तस्वीरों व सर्टिफिकेट की ओर घूमता है। कमरे में पुलिस और कुछ साधु भी हैं। और सबसे बड़ी बात फंदे की रस्सी तीन हिस्सों में नजर आ रही है। फंदे के तौर पर इस्तेमाल की गई रस्सी का एक हिस्सा महंत गिरि के गले में, दूसरा टुकड़ा पास में मेज पर और तीसरा टुकड़ा पंखे के सबसे ऊपरी सिरे में छत से लगने वाली रॉड में दिखाई दे रहा है। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि गठिया यानी कि पैरों के जोड़ में तकलीफ के बावजूद महंत ने इतनी ऊंचाई तक खड़े होकर रस्सी कैसे बांधी होगी। वीडियो से मिली अलग-अलग जानकारी के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुसाइड नोट में आनंद, अद्या और संदीप को बताया मौत का जिम्मेदार
साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की मौत के बाद मिले सुसाइड नोट में उनके प्रिय शिष्य आनंद गिरी, सेवादार अद्या प्रसाद तिवारी और उसका पुत्र संदीप तिवारी को आत्महत्या करने का जिम्मेवार ठहराया गया है। महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से मिले 12 पन्ने के सुसाइड नोट में उन्होंने बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा ” मेरी मौत के लिए जिम्मेदार आनंद गिरि आद्या प्रसाद तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी हैं।” सुसाइड नोट में आनंद गिरी, अद्या प्रसाद तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी को आत्महत्या का कारण बताया है। पत्र में लेखन को कई स्थान पर काटा गया है। मीडिया में जारी सुसाइड नोट के अनुसार ”प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं। मेरे आत्महत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कारर्वाई की जाए। जिससे मेरी आत्मा को शांति मिले।”