पटना (आससे)। इस वर्ष माघी पूर्णिमा 26 फरवरी शुक्रवार को है। माघी पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान, दान, पुण्य करने का विधान है। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। माघी पूर्णिमा के दिन व्रत रखा जाता है और श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष माघ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 26 फरवरी को दोपहर 5 बजकर 49 मिनट से हो रहा है, जो 27 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक है।
ऐसे में पूर्णिमा का चांद 26 फरवरी को ही दिखायी देगा। इसलिए माघी पूर्णिमा का व्रत और स्नान दान 26 फरवरी को किया जायेगा। माघी पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान करने और पात्र व्यक्तियों को दान करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि माघी पूर्णिमा को नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से करते हैं, उनकी ही कृपा से मोक्ष मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं के साथ आसमान में निकलता है। उस दिन पूर्ण चंद्रमा दिखायी देता है। इस बार माघी पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का उदय शाम को 6 बजकर 25 मिनट पर होगा। चंद्रमा का अस्त 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 59 मिनट पर होगा।