लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने आकाश आनंद को मेरे न रहने पर या अस्वस्थ हालात में बसपा के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी लोग ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं।
मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि बहुजनों के अंबेडकरवादी कारवां के मनोबल को गिराकर उसको कमजोर करने की जातिवादी विरोधियों की साजिशों को विफल रहने के संकल्प के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर एवं कांशीराम की तरह ही मेरी जिंदगी की आखिरी सांस तक बसपा के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेंट को समर्पित रहने का फैसला अटल है। अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
लोगों को अफवाहों से रहने की अपील
पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गई, जबकि कांशीराम ने ऐसे ही ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव है? ऐसी अफवाहें षड्यंत्र के तहत केवल पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने के लिए होती हैं। इससे लोग सावधान रहें।
मायावती ने कहा कि देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर आधारित ‘बहुजन समाज’ के लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के उद्देश्य से सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए उन्होंने सब कुछ त्याग कर अपना पूरा जीवन बसपा व मूवमेंट को समर्पित किया है, जिसका हित उनके लिए सर्वोपरि है और इससे कभी भी कोई समझौता नहीं कर सकती हैं।