नयी दिल्ली (आससे)। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि ब्रिटेन में कानूनी जटिलताओं के कारण भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण में देर हो रही है। साथ ही केंद्र ने कहा है कि प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत दे चुकी है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। हम प्रत्यर्पण के लिये पूरी कोशिश कर रहा हैं। आज उच्चतम न्यायालय में विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि विदेश मंत्रालय से यूके सरकार ने कहा है कि वे भारत सरकार के मामले के महत्व से अवगत हैं। ब्रिटेन में कानूनी जटिलताएं हैं, जो प्रत्यर्पण में बाधा बन रही हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने यूके सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया है। जनवरी 2021 में यूके गृह सचिव के साथ मामला उठाया गया। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे है। स्थिति वही रुकी है। राजनीतिक कार्यकारी स्तर से लेकर प्रशासनिक स्तर तक मामले को उच्चतम स्तर पर बार-बार उठाया जा रहा है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई को 15 मार्च तक टाल दी। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा है। सरकार ने अदालत बताया है कि भगोड़े शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत दे चुकी है,लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है, जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है।