वाराणसी

माल भाड़ेपर मिले सब्सिडी तो बढ़ जायेगा पूर्वांचल का निर्यात


-सपोर्टर.निर्यातकों और उद्यमियों ने केंद्र सरकार से की मांग

-फिजी के राजदूत से पर्यटन और उद्योग की संभावनाओं पर की चर्चा

इंडियन इंडस्ट्रीज असोसिएशन आईआईए ने पूर्वांचल का निर्यात बढ़ाने के लिए माल भाड़े पर सब्सिडी देने की एक बार फिर आवाज उठायी है। असोसिएशन से जुड़े उद्यमियों और निर्यातकों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में जब तक माल भाड़े पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी, तब तक पूर्वांचल का निर्यात ग्रोथ नहीं कर पाएगा। काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि वह पूर्वांचल के निर्यातकों को प्रोत्साहन देकर प्रतिस्पर्धाी बनायें।

मलदहिया स्थित एक शापिंग कांप्लेक्स में आयोजित आईआईए सभागार में शनिवार को फिजी के राजदूत नीलेश रोहिल कुमार के सम्मान में आयोजित में उपस्थित उद्यमियों और निर्यातकों का स्वागत करते हुए आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि पूर्वांचल में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री भी पूर्वांचल को निर्यात हब बनाने की दिशा में काफी काम कर रहे हैं। राल्हूपुर-रामनगर का जलपोत टर्मिनल इसका ही परिणाम है। लेकिन पूर्वांचल का यह क्षेत्र लैंड लॉग्ड है। यहां से माल भेजना महंगा पड़ रहा है। माल को मंगाने और भेजने में करीब 10 रुपये प्रति किलो का अतिरिक्त भार उद्यमियों और निर्यातकों को सहना पड़ता है, जिससे उनके उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह माल भाड़े में सब्सिडी प्रदान करें ताकि पूर्वांचल के निर्यात को प्रोत्साहन मिल सके। बताया कि एक कंटेनर माल पर सरकार से सिर्फ करीब 12 हजार से साढ़े 12 हजार रुपये ही सब्सिडी मिलती है, जबकि माल भाड़ा सवा लाख से डेढ़ लाख तक लगता है। फिजी के राजदूत का स्वागत करते हुए आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने भारत और फिजी के बेहतर रिश्तें का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने भोजपुरी भाषा को बढ़ावा देने पर बल दिया। कहा कि इम्पोर्ट में ड्यूटी फ्री हो तो साड़ी, फैब्रिक, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम आदि उद्योग को पंख लग जायेंगे। सम्मान से अभिभूत फिजी के राजदूत नीलेश रोहिल कुमार ने कहा कि भाषा ही ऐसा माध्यम है, जो लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है। नि:संदेह पहले फिजी का मुख्य उद्योग सुगर हुआ करता था, लेकिन अब पर्यटन है। काशी ही नहीं पूर्वांचल के कई जिलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस पर काम करने की जरूरत है। इसके लिए न सिर्फ फिजी सरकार से बल्कि भारत सरकार से बात किया जाएगा। समारोह में संयुक्त निदेशक उद्योग उमेश सिंह, सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक डाक्टर अशोक कुमार सिंह, विपिन अग्रवाल, राजीव कुमार, राजेश भाटिया, हर्षद तन्ना, राहुल मेहता आदि उपस्थित थे।