लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मिशन निरामया: के तहत नर्सिंग और पैरामेडिकल कालेजों की क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया (क्यूसीआइ) द्वारा रेटिंग किए जाने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया और मऊ व शामली में सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) माडल पर मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी संस्थाओं से अनुबंध भी किया।
अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में योगी ने कहा कि जो जिले पहले माफिया और पलायन के नाम से जाने जाते थे आज वहां मेडिकल कालेज खुल रहे हैं। अब यूपी तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी द्वारा शुरू किया गया मिशन निरामया: अभियान आज पूरे देश में ब्रांड बन चुका है और अब दूसरे राज्य भी इसे लागू कर रहे हैं।
अच्छे चिकित्सकों के साथ दक्ष नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी तैयार हों इसके लिए सख्त उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले स्टेट मेडिकल फैकल्टी खुद बीमार था। जिसके कारण मानक विहीन संस्थान आसानी से खुल जाते थे। अब इसमें सुधार किया जा रहा है और आगे इसका पूरी तरह कायाकल्प किया जाएगा। संस्थानों को मान्यता के लिए आनलाइन आवेदन की सुविधा दी जाएगी।
बिना भेदभाव के मान्यता देने की व्यवस्था की जाएगी। ऐसे संस्थान जिनके मानक पूरे नहीं हैं उन्हें बंद किया जाएगा। देश के अग्रणी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान यूपी के हों, इसकी पूरी कोशिश की जाएगी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि क्यूसीआइ द्वारा 384 संस्थानों की रेटिंग की जाएगी।
गुणवत्तापरक उपचार की सुविधा देने के साथ-साथ दक्ष नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ तयार करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। काफी कुछ सुधार किया गया है और आगे भी काफी कुछ सुधार होगा। कार्यक्रम में दूसरे नर्सिंग कालेजों के लिए मेंटर बनाए गए आठ संस्थानों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहे।