गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के सस्पेंडेड एपीआई सचिन बाजे भी मुंबई क्राइम ब्रांच में तैनात थे, यही वजह है कि मुंबई पुलिस के नए पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने सबसे ज्यादा ट्रांसफर मुंबई क्राइम ब्रांच के ही पुलिस इंस्पेक्टरों के किए हैं. इनमें से कुछ पुलिस इंस्पेक्टर सीआईयू यानी क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के हैं. एनआईए ने भी सीआईयू के कुछ पुलिस अधिकारियों से वाजे और संदिग्ध कार मामले में बातचीत और पूछताछ की है.
वाजे मामले में पूछताछ के लिए गए दो जवानों का तबादलातबादले में शामिल लोगों में क्राइम ब्रांच के दो अधिकारी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर्स रियाजुद्दीन काजी और प्रकाश हवाल का नाम भी है. खास बात है कि इन दोनों पुलिस अफसरों से सचिन वाजे मामले में हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने पूछताछ की थी. वाजे पर मुंबई के मशहूर एंटीलिया बंग्ले के पास बरामद हुई विस्फोटकों से लदी गाड़ी मामले में शामिल होने का आरोप है. एक ओर काजी को लोकल आर्म्स यूनिट में भेजा गया है. दूसरी ओर, हवाल को मालाबार पुलिस स्टेशन पहुंचाया है.
महाराष्ट्र में विपक्ष ने साल 2020 की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है. आरोप लगाए गये हैं कि ट्रांसफर के बदले पैसे लिए जाते रहे हैं. इस रिपोर्ट को तत्कालीन इंटेलीजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने तैयार किया था. कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में उन राजनेताओं, बिचौलियों और पुलिस अधिकारियों के नाम हैं, जिन्होंने अपने पसंद की जगह ट्रांसफर की मांग की थी. राज्य सरकार ने अब तक रिपोर्ट को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीबीआई जांच की मांग को लेकर केंद्र का रुख किया है.