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संघटित गिरोहकी बड़ी कड़ी था मेराज


मेराजकी हत्याके बाद पूर्वांचलमें मुख्तार गिरोह हुआ कमजोर, गैंगवारमें एक और बंदीकी मौत, हमलावरको पुलिस मार गिराया

वाराणसी समेत पूर्वांचल में जरायम का खेल खेलने वाले मुख्तार के करीबी भाई मेराज की शुक्रवार को चित्रकूट जिला जेल में हत्या कर दी गयी। गैंगवार की हुई इस घटना में एक और बंदी की मौत हो गयी। वही इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर कैदी को पुलिस ने मार गिराया। मेराज की हत्या की खबर शुक्रवार को दोपहर १२ बजे उनके परिवार को मिली तो मातम छा गया। वही ईद की खुशिया काफूर हो गयी। धीरे धीरे उनके समर्थकों को उनकी हत्या की सूचना मिलते ही उनके समर्थकों में हड़कम्प मच गया। वाराणसी समेत पड़ोसी जिले से उसके घर लगातार फोन आने शुरु हो गये। पुलिस की दो टीम आनन फानन में अशोक विहार फेज दो में स्थित मेराज के घर पर पहुंच गयी थी। पुलिस को आशंका थी कि कही उसके समर्थक हत्या के विरोध में उपद्रव न कर सके।

जिला जेल के जेलर ने दी घटना की सूचना

भाई मेराज की हत्या की सूचना जेल प्रशासन ने उसके घर वालो को दी। सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। ईद की खुशी काफूर हो गयी। घर वाले रोने बिलखने से पड़ोसियों की भीड़ जुट गयी थी।

परिजन चित्रकूट जेल रवाना

भाई मेराज की हत्या की खबर मिलते ही उनके परिवार के पांच सदस्य निजी साधनों से चित्रकूट जेल के लिए रवाना हो गये।

दहाड़े मारकर रो रही महिलाएं

ईद की खुशी के मौके पर मेराज के घर मातम छा गया। घर की महिलाएं दहाड़े मारकर रो रही थी। जिससे कालोनी में शोक की लहर दौड़ गयी।

डेढ माह पूर्व जेल से भेजा गया था चित्रकूट

जिला जेल वाराणसी में निरुद्ध माफिया मेराज की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे २० मार्च वर्ष २०२१ को प्रशासनिक आधार पर उसे बनारस जेल से स्थानान्तरित कर चित्रकूट जेल भेजा गया था। इसको लेकर परिजनों ने कोट्र में आपत्ति भी दाखिल किया था लेकिन जेल प्रशासन के आगे उनकी आपत्ति खारिज हो गयी थी।

मेराज पर दर्ज है १९ आपराधिक मुकदमे

मेराज के खिलाफ वाराणसी में कुल १९ आपराधिक मुकदमें जैतपुरा कोतवाली सिगरा कैण्ट थाने में शामिल है। मेराज के पड़ोसी जिले में भी अपराध के रिकार्ड को पुलिस खंगालने में जुटी है।

मुख्तार का था करीबी

मेराज मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी था। वह मुख्तार के काले धंधे की मानिटरिंग कर उससे अर्जित अवैध पैसा मुख्तार के पास पहुंचाता था। इसमे उसके डेढ़ दर्जन गुर्गे भी शामिल रहते थे। मकान, दूकान, जमीन कब्जा रंगदारी, अपहरण की घटनाओं में पंचायत कर धन उगाही करना उसका कारोबार रहा है।

भतीजे ने चित्रकूट जेल प्रशासन पर लगाया साजिश का आरोप

मेराज का भतीजा आमिर ने चित्रकूट जेल प्रशासन पर चाचा मेराज की हत्या कराने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि गहरी साजिश के तहत उनकी हत्या की गयी है। जेल प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है। मेराज को चित्रकूट के जेल की हाईरिस्क बैरक में रखा गया था। इस तरह से बैरक के अन्दर हत्या किया जाना बड़ी साजिश की ओर इशारा कराता है। इस घटना की एक उच्चस्तरीय टीम से जांच कराने की मांग की है। बता दें कि मेराज अहमद मूलत: गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महेन गांव का निवासी था। परिवार में पत्नी, दो बेटे मेन्हाज और अली नवाज हैं। अली नवाज अभी एमबीए की पढ़ाई कर रहा था। एक बेटी है। मेराज पांच भाइयों में चौथे नंबर का था। कलाम, अब्दुल सलाम खान, निजामुद्दीन, सेराज अन्य चार भाई हैं। कलाम रेलवे में कार्यरत हैं। अब्दुल सलाम खान पुलिस विभाग में सीओ पद से सेवानिवृत्त हैं, जबकि सेराज प्रयागराज में हेड कांस्टेबल पद से रिटायर हुए हैं। चित्रकूट जिला कारागार में शुक्रवार को हुई गैंगवार की घटना में मेराज की हत्या कर दी गयी। गैंगवार में एक कैदी की मौत हो गयी। मौके पर पहुंची चित्रकूट पुलिस ने हमलावर कैदी को मार गिराया। तीन लोगों की हत्या से जेल में कोहराम मच गया है। गैंगवार में मृत लोगों में वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र के अशोक विहार फेज दो निवासी मेराज तथा अपराधी मुकीम काला और अपराधी अंशुल अवस्थी शामिल है। अपराधी अंशुल अवस्थी ने दस राउण्ड गोलियां चलापयी थी जिसमें मेराज और अपराधी मुकीम काला की मौत हुई। जबकि पुलिस ने अंशुल अवस्थी को पकडऩे गयी पुलिस ने जवाबी काररवाई में उसे मार गिराया।