जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने पति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. अफ्शा अंसारी ने कहा कि उन्हें अपने पति मुख्तार की जान को खतरे का डर है, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पंजाब से उत्तर प्रदेश स्थानांतरित करने का आदेश दिया. बुधवार को कोविंद को भेजे गए 14 पन्नों के एक पत्र में, अफ्शा ने दावा किया कि झूठी कहानी गढ़कर उनके पति को मुठभेड़ में मार दिया जा सकता है, अगर यूपी पुलिस के अधिकारियों को मुख्तार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनाए बिना उन्हें पंजाब से लाने की अनुमति दी जाती है.
लखनऊ में हुई मुठभेड़ में शार्पशूटर गिरधारी की हाल ही में हत्या 2018 में बागपत जेल में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार के साथ सह-अभियुक्त मुन्ना बजरंगी की हत्या का जिक्र करते हुए, उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की मांग की, ताकि ये मुख्तार को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाए जाने के दौरान यूपी पुलिस टीम के साथ रहे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह, उनके भतीजे विधायक सुशील सिंह त्रिभुवन सिंह जैसे माफिया डॉन भी मुख्तार की हत्या की साजिश रच रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले 16 वर्षों में मुख्तार की हत्या करने के पांच प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा, भाजपा विधायक अलका राय मुख्तार के कुछ राजनीतिक विरोधी राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण कुछ वरिष्ठ अधिकारी मेरे पति को मारने की साजिश रच सकते हैं. अंसारी की पत्नी ने यह भी कहा कि उनके परिवार की कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया है उनके बेटे को (राष्ट्रीय स्तर का शूटर) झूठे मामलों में फंसा करके उसका करियर बिगाड़ दिया गया है.
इलाहाबाद MP-MLA कोर्ट में मुख्तार पर पेंडिंग हैं ये 10 बड़े मामले
- मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज डबल मर्डर केस का है. पूर्वांचल के मऊ जिले में साल 2009 में ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ़ मन्ना की दिन दहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने एके 47 का इस्तेमाल कर हत्या कर दी थी. हत्या का आरोप बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था. इस मुक़दमे का ट्रायल अब आख़िरी दौर में है तीन -चार सुनवाई के बाद महीने – डेढ़ महीने बाद फैसला आ सकता है. इस मामले में मुख़्तार पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
- हत्या का एक मुकदमा वाराणसी जिले का है. यह मामला कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है. इस मामले में चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. यह मुकदमा इस वक़्त गवाही में चल रहा है. मामले से जुडी तमाम फ़ाइल अभी वाराणसी कोर्ट से स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में नहीं आ सकी हैं. कांग्रेस नेता अजय राय इस मामले में वादी गवाह दोनों हैं. इस मामले में भी तेजी से सुनवाई हो रही है.
- तीसरा मुकदमा आजमगढ़ जिले में हुई हत्या से जुड़ा हुआ है. मुख्तार पर इस मामले में भी आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या 120 B यानी साजिश रचने का है. इस मामले की एफआईआर आजमगढ़ के तरवा थाने में दर्ज हुई थी. मुकदमा यूपी सरकार बनाम राजेंद्र पासी व अन्य के नाम से चल रहा है. इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं.
- मुख्तार के खिलाफ चौथा मुकदमा हत्या के प्रयास से जुड़ा हुआ है. यह मामला गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में आईपीसी की धारा 307 120 B के तहत दर्ज हुआ था. मुक़दमे की प्रक्रिया साल 2010 में ही शुरू हो गई थी. इसमें मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है. मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है काफी दिनों से सुनवाई ठप्प पडी हुई है.
- मुख्तार के खिलाफ पांचवा मामला फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा हुआ है. यह मुकदमा गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था. इसमें मुख्तार के खिलाफ दो केस दर्ज हुए हैं. पहला आईपीसी की धारा 419 – 420 467 यानी धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े का है तो दूसरा आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है. इस मामले में अभी मुख्तार पर अदालत से आरोप तय होना बाकी है. आरोप तय होने के बाद ही ट्रायल यानी मुकदमा शुरू होगा.
- मुख्तार के ख़िलाफ़ छठा मुकदमा वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकी देने से जुड़ा हुआ है. यह मुकदमा साल 2012 से शुरू हुआ है. इसमें आईपीसी की धारा 506 के तहत एफआईआर दर्ज है. इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं. मुक़दमे का केस नंबर 354/12 है.
- मुख्तार के खिलाफ इलाहाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर के चार मुक़दमे चल रहे हैं. इन चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं. अदालत ने चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय कर दिए हैं. चार में से तीन मामले गाज़ीपुर जिले के अलग अलग थानों के हैं, जबकि चौथा मऊ जिले का है. पहला मामला गाज़ीपुर के कोतवाली थाने का है. इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हैं मामला साक्ष्य यानी ट्रायल के स्तर पर है. मुक़दमे का नंबर 7/12 है.
- मुख्तार के खिलाफ आठवां मामला भी गैंगस्टर का ही है. यह मामला गाज़ीपुर के करांडा थाने से जुड़ा हुआ है. इस मामले में आरोप तय हैं मुक़दमे का ट्रायल पेंडिंग है. स्पेशल ट्रायल के इस मुक़दमे का नंबर 557/12 है.