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 मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ली विधायक पद की शपथ, पारदर्शी शासन का किया वादा


  1. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को विधानसभा में विधायक के रूप में शपथ ली. इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. स्टालिन के साथ 33 अन्य मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. मुख्यमंत्री बनने से पहले पिछले सप्ताह स्टालिन को आम सहमति से पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया था. स्टालिन के मंत्रिमंडल में 19 पूर्व मंत्री हैं जबकि 15 नए चेहरों को शामिल किया गया है.

मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद पहला आदेश जारी करते हुए एमके स्टालिन ने निजी अस्पतालों में कोराना वायरस के इलाज को सरकारी बीमा योजना के दायरे में लाने की भी घोषणा की ताकि ऐसे लोगों को राहत मिल सके. वहीं चावल राशन कार्ड धारकों को 4,000 रुपए कोरोना राहत राशि के रूप में मुहैया कराने, आविन दूध के दाम में कटौती और सरकारी परिवहन बसों में महिलाओं के लिए नि:शुल्क यात्रा की घोषणा की थी.

डीएमके ने विधानसभा चुनावों में 133 सीटें जीती और कांग्रेस समेत उसके अन्य सहयोगियों ने 234 सदस्यीय विधानसभा में कुल 159 सीटें जीती हैं. वहीं AIADMK ने 66 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी और पीएमके ने क्रमश: 4 और 5 सीटें जीतीं. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से AIADMK शासन में थी. स्टालिन के नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनावों में डीएमके ने राज्य में 39 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की.

लोगों को मिलेगा पारदर्शी शासन व्यवस्था- स्टालिन

मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद एम के स्टालिन ने ईमानदार और पारदर्शी शासन मुहैया कराने का वादा करते हुए शनिवार को कहा कि यह सभी लोगों की सरकार है. स्टालिन ने बिना भेदभाव किए समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का वादा किया और कहा कि उनकी इच्छा तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने और अगली पीढ़ी को एक उज्ज्वल तमिलनाडु देने की है.