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मुजफ्फरनगर के बाद अब करनाल में ताकत दिखाएंगे किसान, प्रशासन अलर्ट, धारा 144 लागू


  • करनाल लाठीचार्ज का विरोध करते हरियाणा के किसान. किसानों पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज (Lathicharge) के विरोध में किसान संघों ने करनाल में एक रैली (Rally in Karnal) की योजना बनाई है.

दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar) जिस दिन करनाल में बीजेपी (BJP) की बैठक में शामिल होने वाले थे, उस दिन उनके विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. किसान मुख्यमंत्री के दौरे का विरोध करने के लिए बस्तर टोल प्लाजा (Bastara Toll Plaza) पर इकट्ठा हुए थे. पुलिस कार्रवाई में कम से कम 10 किसान चोटिल हुए थे.

वहीं, घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें करनाल के उप-मंडल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा (Karnal sub-divisional magistrate Ayush Sinha) को पुलिस को ‘प्रदर्शनकारियों का सिर तोड़ने’ का आदेश देते हुए सुना गया था. इस घटना के बाद, 2020 में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने हरियाणा सरकार से 6 सितंबर तक आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या के आरोप में मामला दर्ज करने की मांग की.

किसानों ने मांग पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल सचिवालय (Karnal secretariat) में घेराव धरना शुरू करने की धमकी दी. वहीं, लाठीचार्ज के बाद एसकेएम ने किसानों से पूरे हरियाणा में सभी राजमार्गों और टोल प्लाजा को अवरुद्ध करने का आह्वान किया और पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करने की मांग की. 29 अगस्त को नूंह जिले में महापंचायत का आयोजन भी किया गया.