औराई (मुजफ्फरपुर)(आससे)। औराई ,कटरा क्षेत्र में बाढ़ का संकट गहराया। क्षेत्र के 30 गांवों में बाढ़ का पानी घुसा। कटरा प्रखंड के एक दर्जन पंचायतों में बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त। सरकारी नाव का अभाव निजी नाव के सहारे लोग अपने गंतव्य स्थान पर जाने को विवश हैं।
औराई प्रखंड के बागमती नदी के दोनों तटबंध के बीच के गांव का संकट गहराता जा रहा है। बाढ़ पीड़ित पानी आने के बाद भी अपने-अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं है। बावजूद जिनके घर में बाढ़ का पानी घुसने की संभावना बन चुकी है, परियोजना बांध पर विस्थापन के लिए निजी नाव के सहारे उक्त स्थल पर पहुंच रहे हैं। औराई प्रखंड के एक दर्जन गांव गांवों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अगर बागमती नदी का पानी दो फीट भी बढ़ता है तो दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुस सकता है।
औराई अंचलाधिकारी ने कहा कि सरकारी एवं निजी नावों का परिचालन जारी कर दिया गया है। अब तक 48 नावों का परिचालन का आदेश अंचल से दिया गया है। वही कटरा प्रखंड के स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो चुका है। बकुची के नजदीक सड़क पर दो से ढाई फीट पानी चल रहा है। प्रखंड के बसघट्टा, बर्री, तेहवाड़ा, खंगुरा, पहसौल,चगेल पंचायतों के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से समुद्र सा नजारा बन गया है। अंचल प्रशासन राजस्व कर्मी को भेजकर बाढ़ का सही आकलन तैयार करने में जुटे हैं।
अब तक दोनों प्रखंड के 30 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। इस विकट परिस्थिति में गांव के लोगों के लिए मेडिकल सुविधा नदारद है। पशुपालकों की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। बिहार युवा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनबंधु क्रांतिकारी ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि बागमती दोनों तटबंध पर मेडिकल कैंप एवं पेयजल की सुविधा बहाल करवाया जाए। साथ ही विस्थापितों के लिए ऊंचे स्थानों पर आश्रय दिलवाया जाए। वही गरीब बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था शुरू करवाया जाए।