ताकि कोरोना काल में आधारभूत संरचना को किया जा सके सुदृढ़
मुजफ्फरपुर। 15वें वित्त आयोग के अनुदान की राशि का कोविड प्रबंधन एवं अस्पतालों में आधारभूत ढांचा की वृद्धि हेतु उपयोग करने के संबंध में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक की गई।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष इंदिरा देवी, उप विकास आयुक्त डॉ सुनील कुमार झा, सहायक समाहर्ता श्रेष्ठ अनुपम,सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर,अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन डॉ अजय कुमार, निदेशक डीआरडीए चंदन चौहान, जिला पंचायत राज पदाधिकारी फैयाज अख्तर के साथ जिला स्तरीय अन्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।
बैठक में सभी बीडीओ एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के द्वारा बारी- बारी से संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध संसाधन की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही न्यूनतम बुनियादी संसाधनों को विकसित करने के मद्देनजर स्वास्थ्य संबंधी अन्य संसाधनों की आवश्यकता को भी बताया गया।
बैठक मुख्य रूप से 15वें वित्त आयोग में उपलब्ध राशि के द्वारा तत्कालिक रूप से स्वास्थ्य संसाधनों का बेहतर उपयोग तथा आगे आने वाले वर्षों में प्राप्त राशि से दीर्घकालिक योजना बनाने के मद्देनजर और क्या किये जा सकते है इसकी भी जानकारी प्राप्त की गई। पीएचसी वार उपलब्ध बेडो की संख्या ऑक्सीजन सिलेंडर ,दवाओं,ऑक्सीमिटर की उपलब्धता, तथा अनावश्यक अन्य उपकरणों की अधतन जानकारी प्राप्त की गई।
जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय स्वास्थ्य संबंधी न्यूनतम बुनियादी सुविधाओं से संबंधित वास्तविक आवश्यकता बताएं ताकि कोविड से संबंधित उपलब्ध संसाधनों को और सुदृढ़ किया जा सके।
उन्होंने कहा कि संसाधनों को और विकसित करने की दिशा में 15 वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग किया जाएगा ताकि पंचायत और प्रखंड स्तर पर कोविड मरीजों का स्थानीय पीएचसी में समुचित इलाज हो सके।
निर्देश दिया गया कि सभी बीडीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने -अपने पीएचसी का निरीक्षण करते हुए प्रखंड प्रमुख से सहमति प्राप्त कर संयुक्त प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे ताकि अग्रेतर करवाई की जा सके।उक्त कार्य दो दिन के अंदर करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि पल्स ऑक्सीमीटर, छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर और थर्मल स्कैनर की उपलब्धता भी उक्त माध्यम से की जा सकती है। इस संबंध में सिविल सर्जन से विस्तृत प्रतिवेदन की मांग की गई।