बोले डीएम राहत कार्य में कोताही पर होगी सख्त काररवाई
मुजफ्फरपुर। विगत दिनों लगातार बारिश और उसके बाद नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण जिले के विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न पंचायत पानी के फैलाव से प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है। राहत बचाव के लिए जिलाधिकारी द्वारा वरीय पदाधिकारियों और विभिन्न विभागों को निर्देशित किया गया है।उक्त आलोक में प्रभावित स्थलों पर बचाव/ राहत संबंधित कार्य किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर विभिन्न विभाग आपसी समन्वय के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। बाढ़ के समय कार्य में कोताही पर सख्ती बढ़ती जाएगी। आपदा प्रबंधन, मुजफ्फरपुर अलर्ट मोड में है। प्रखंडों के स्थानीय पदाधिकारियों, विभिन्न तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं सहित प्रखंडों के वरीय प्रभारी अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग पशुपालन विभाग एवं पीएचइडी को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
अभी तक कूल दस प्रखंडो के 56 पंचायत प्रभावित हुए हैं जिसमें चार पंचायत पूर्ण रूप से एवं 52 आंशिक रूप से प्रभावित हैं।प्रभावित जनसंख्या 119745 है।बचाव राहत कार्य के अंतर्गत अब तक 1600 ड्राई राशन पैकेट, 14270 पॉलिथीन सीट का वितरण किया गया है। 46 सरकारी नाव सहित कुल 148 नावों का परिचालन प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में 36 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं। जिसमें अभी तक कुल 34054 व्यक्तियों ने भोजन किया है। वही सात स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 4256 हैलोजन टेबलेट का वितरण किया गया है ।40 पशु कैंप चलाए जा रहे हैं जिसमें पशुओं का इलाज कराया जा रहा है ।
बागमती नदी और गंडक नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है।बागमती नदी का आज शाम का जलस्तर 55.6 मीटर(DL-55.23m) है जबकि गंडक नदी का जलस्तर 53.99 मीटर(DL -54.41m) है। बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।बूढ़ी गंडक का आज का जलस्तर – 53.51 है (DL-52.53)।
जिले के सभी मुख्य बांध सुरक्षित हैं। बाढ़ राहत /बचाव का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए हैं। जिसके आलोक में विभिन्न विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है। किए गए कार्य की सतत मॉनिटरिंग वरीय पदाधिकारियों द्वारा की जा रही है।