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मुनव्वर राणा को हाई कोर्ट की फटकार, कहा- अपना काम क्यों नहीं करते!


  • नई दिल्ली । इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने वाल्मीकि समुदाय की तालिबान से तुलना करने के मामले में हजरतगंज कोतवाली में शायर मुनव्वर राना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

अदालत ने बृहस्पतिवार को राना की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्हें अपना काम करना चाहिए और किसी भी समुदाय पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए राना के वकील से पूछा, ‘आप (राना) इस तरह की टिप्पणी क्यों करते हैं। आप जो काम करते हैं, वह क्यों नहीं करते हैं।’

राना ने अदालत में सरोकार फाउंडेशन के उपाध्यक्ष पीएल भारती द्वारा उनके खिलाफ 20 अगस्त को दर्ज कराई गई प्राथमिकी को चुनौती दी थी और मामले की विवेचना के दौरान अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। भारती ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि ‘राना ने कहा है कि तालिबान भी दस साल बाद वाल्मीकि होगा। यह कथन भगवान वाल्मीकि और उनके अनुयायियों का अपमान करने के समान है जो उन्हें अपने भगवान के रूप में मानते हैं। यह पूरे दलित समुदाय का भी अपमान है।’

भारती ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी में राना पर यह आरोप लगाया था। राना के वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता क्योंकि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और आपराधिक मामला दर्ज करके इसे दबाया नहीं जा सकता है। वकील ने यह भी दलील दी कि राजनीतिक कारणों से मामला दर्ज किया गया लिहाजा अदालत को दखल देना चाहिए।