पटना

मेंटल मैथ को लोकप्रिय बनाने का सबसे बड़ा अभियान शुरू


      • बिहार से 50 हजार छात्र होंगे शामिल
      • पटना से 10 हजार छात्रों की होगी भागीदारी

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। भारत और यूएई के सबसे बड़े मेंटल मैथ कम्पीटीशन को इस साल से बिहार में भी शुरू कर दिया गया है। इस परीक्षा का आयोजक इग्नाइटेड माइंड लैब (मुम्बई) ने इसके लिये ओलम्पियाड गुरु विशाल दफ्तुआर का सहयोग लिया है, जिन्होंने बिहार-झारखंड में पिछले 21 सालों में ओलम्पियाड परीक्षाओं को बखूबी स्थापित किया है।

बिहार में मेंटल मैथ को लोकप्रिय बनाने के लिये विशाल दफ्तुआर ने चक दे बिहार कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके द्वारा मेंटल मैथ्स कम्पीटीशन में भाग लेनेवाले बिहार के राज्य स्तर पर प्रत्येक क्लास ( सीनियर केजी से क्लास सात तक) के सर्वश्रेष्ठ पांच छात्रों को स्टेट मेंटल मैथ चैम्पियन, पांच बेस्ट प्रिसिंपलों और दस बेस्ट शिक्षकों को भी राज्य स्तर पर सम्मानित किया जायेगा।

चक दे बिहार कार्यक्रम के तहत  मेंटल मैथ्स कंपीटिशन में सिर्फ एक छात्र की भागीदारी से भी स्कूल इस साल रजिस्टर हो सकते हैं। ऐसे स्कूलों को स्कूल स्पेशल सपोर्ट सर्टिफिकेट दिया जायेगा। कम्पीटीशन में शामिल छात्र की आनलाइन परीक्षा होगी। मेंटल मैथ को लोकप्रिय बनाने का यह सबसे बड़ा अभियान होगा। इस साल इच्छुक छात्र व्यक्तिगत नामांकन भी कर सकते हैं, लेकिन उन्हें स्कूल के मार्फत ही इस परीक्षा में शामिल होना होगा। परीक्षा ऑनलाइन होगी। परीक्षा के लिये रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 21दिसंबर है।

मेंटल मैथ्स कम्पीटीशन में सीनियर केजी से क्लास सात तक के छात्र शामिल हो सकते हैं। प्रथम चरण की ऑनलाइन परीक्षा 16 जनवरी और ऑफलाइन परीक्षा 20 जनवरी को होगी। इसमें से स्कूल किसी एक परीक्षा तारीख का चयन कर सकते हैं। इसके पश्चात चयनित छात्रों के लिये फरवरी में ग्रैंड फिनाले आयोजित किया जायेगा। चयनित छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग के साथ पुरस्कृत किया जायेगा। इस परीक्षा में इस साल बिहार के लगभग 50 हजार छात्रों के भाग लेने की संभावना है, जिसमें लगभग 10 हजार छात्र राजधानी पटना के होंगे।

गणित में रुचि विकसित करने के लिए मेंटल मैथ्स कम्पीटीशन बहुत ही अनोखी और बेहद प्रभावी है। यह दिमाग को तेज करता है और विश्लेषणात्मक सोच कौशल में सुधार करता है। वर्कशीट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें लेफ्ट ब्रेन और राइट ब्रेन का एक साथ काम करना शामिल है। इससे बच्चे की दिमागी शक्ति में सुधार होता है।

समस्याओं को हल करने की गति और सटीकता में महत्वपूर्ण सुधार उन्हें स्कूली परीक्षाओं में अपने स्कोर को सुधारने में मदद करता है। उनके गणितीय कौशल को दिखाने और विभिन्न स्कूलों और क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए मंच भी प्रदान करता है। बच्चों में कम उम्र में विकसित यह प्रतिस्पर्धी रवैया उन्हें भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सीईटी, आईआईटी जेईई, कैट, आईएएस आदि के लिए नींव तैयार करने में मदद करता है।