पटना

मेंटेनेंस के काम में खुद लगें इंजीनियर : नीतीश


सीएम ने किया 16 विभागों के 188 भवनों का उद्घाटन,  29 जिलों के आईआईटी को मिला अपना भवन

      • हर सरकारी भवन में सौर ऊर्जा की व्यवस्था हो
      • मिथिला ललित कला केन्द्र के उद्घाटन पर प्रसन्नता

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में – वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16 विभागों की 120239.93 लाख रुपये की लागत से निर्मित 188 भवनों का उद्घाटन तथा 16 विभागों की 69715.95 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि के 56 भवनों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देता हूं। विभिन्न विभागों के भवनों के उद्घाटन एवं शिलान्यास के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया गया है। आज 16 विभागों के 188 भवनों का उद्घाटन तथा 16 विभागों के 56 भवनों का शिलान्यास किया गया है। मुझे खुशी है कि आज मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का उद्घाटन हुआ इसके लिए हम दो-तीन बार मधुबनी गए और इसके निर्माण के लिये स्थल का चयन किया गया। निर्माण हो जाने से इस संस्थान द्वारा चित्रकला में सर्टिफिकेट दिया जायेगा, डिग्री कोर्स भी शुरू होगा। यह संस्थान मधुबनी पेंटिंग को व्यावसायिक उपलब्धि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहां महत्वपूर्ण चीजें रखी जाएंगी जिसे लोग देखेंगे, जानेंगे और कई चीजें सीखेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरा होने पर हमलोगों ने ने निर्णय लिया था कि मोतिहारी और बेतिया में 2 हजार लोगों के बैठने की क्षमता के प्रेक्षागृह बनायेंगे, अब वह बनकर तैयार हो गया है और आज उसका उद्घाटन हुआ है। यह खुशी की बात है। मुजफ्फरपुर में भी 2 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले प्रेक्षागृह का निर्माण कराया जाना है जिसका भी आज शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काम शुरू किया गया है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगल, पहाड़ और नदियां तीनों एक साथ हैं जो काफी आकर्षक हैं। देश भर में कहीं भी ऐसी दूसरी जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि सभागार का आज शिलान्यास किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र का निर्माण कराया गया है, जिसमें ज्ञान भवन और 5 हजार की क्षमता वाले बापू सभागार का निर्माण कराया गया। दुनिया में इस तरह का कोई भी सभागार नहीं है। ऐतिहासिक चीजों को जानने के लिये सभ्यता द्वार का निर्माण कराया गया। सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र में सम्राट अशोक की एक सांकेतिक प्रतिमा लगायी गई है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार संग्रहालय का निर्माण कराया गया। पटना संग्रहालय को बिहार संग्रहालय से जोड़ा जा रहा है। सरदार पटेल भवन का निर्माण आधुनिक तरीके से बेहतर ढंग से कराया गया है जो भूकंप की अधिक तीव्रता में भी सुरक्षित रहेगा। अंजुमन इस्लामिया भवन का भी काम लगभग पूरा हो चला है।

बोधगया में महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र भी बन गया है। कई भवनों का निर्माण बेहतर तरीके से निर्माण कराया गया है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय जो वैशाली में बन रहा है उसका निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें। यहां निर्माण कार्य के लिये सैंड स्टोन राजस्थान से मंगाया जाता है, कोरोना काल में उसे राजस्थान से लाने में परेशानी हो रही थी लेकिन अब इसे लाया जा रहा है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय खेल एकेडमी का निर्माण तेजी से पूर्ण करें। अब वहां यूनिवर्सिटी बनाने का भी निर्णय लिया जा चुका है। एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का हाल में ही हमने निर्माणाधीन कार्य का जायजा लिया था। इसे भी जल्द पूर्ण करें। बापू टावर का भी निर्माण तेजी से पूर्ण करें। इसका निर्माण पूर्ण होने पर यहां बापू के बारे में कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियां नई पीढ़ी के लोगों को मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जो भी सडक़, पुल, पुलिया, भवन का निर्माण किया जा रहा है उसके मेंटनेंस पर विशेष ध्यान दें। मेंटेनेंस का काम बहुत महत्वपूर्ण है। इस कार्य के लिये और अभियंताओं तथा कर्मियों की जरूरत के अनुसार और भर्ती होने से रोजगार में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि अब सरकारी भवनों के निर्माण में फ्लाई ऐश से बनी ईंट का प्रयोग हो रहा है। थर्मल पावर प्लांट से निकले राख से फ्लाई ऐश ईंट का निर्माण किया जाता है। हम जब विदेश गए थे, वहां फ्लाई ऐश ईंट के प्रयोग को देखा था और यहां आकर फ्लाई ऐश ईंट के प्रयोग को लेकर अधिकारियों से कहा था। खुशी की बात है कि अब सरकारी भवनों में पक्की ईंट की जगह फ्लाई ऐश का प्रयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि आईटीआई, पॉलिटेकनिक संस्थान, छात्र छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय सहित कई अन्य भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गयी है। 2015 से सात निश्चय -1 और अब सात निश्चय – 2 का काम किया जा रहा है। जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है। जल-जीवन- हरियाली अभियान से संबंधित जो काम किए जा रहे हैं उसके कार्यान्वयन पर भी विशेष ध्यान दें। रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा का काम सरकारी भवनों में ठीक ढंग से करायें। जितने भी सरकारी भवन हैं उन पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग काम होने से वर्षा जल को संरक्षित किया जा सकेगा उससे भूजल स्तर भी मेंटेन रहेगा। सौर ऊर्जा का बहुत लाभ मिलनेवाला है। सरकारी भवनों पर सौर प्लेट लगाए जा रहे हैं। उस ऊर्जा का उपयोग सरकारी भवनों में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य कराया जाए। मैंने भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और मैं लोगों की सेवा कार्य में लगा हूं। आप सभी अभियंताओं से मेरा निवेदन है कि मेंटेनेंस के काम पर विशेष ध्यान दें। आज जिन भवनों का शिलान्यास किया गया है उसे कम-से-कम समय में पूर्ण करने के लिए तेजी से काम करें। आज के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिये आप सभी को धन्यवाद देता हूं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि ने पौधा भेंटकर किया।

कार्यक्रम के दौरान भवन निर्माण विभाग एवं बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा भवन निर्माण कार्य पर आधारित लघु फिल्म का प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एवं भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने संबोधित किया। सूचना एवं जन-संपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित संग्रहालय के भवन के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मिथिलावासियों के लिए आपने बड़ी सौगात दी है और मिथिला पेंटिंग को आपने अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।

कार्यक्रम में भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह एवं भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख राकेश कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सूचना एवं जन सम्पर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, गन्ना उद्योग सह विधि मंत्री प्रमोद कुमार, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह, अनुसूचित जाति/जनजति कल्याण सह लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री आलोक रंजन, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षदगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।