जम्मू,। नेशनल मेडिकल कमीशन और डेंटल काउंसिल आफ इंडिया ने विद्यार्थियों को मेडिकल और डेंटल की पढ़ाई के लिए पाकिस्तान न जाने की सलाह दी है। जम्मू-कश्मीर से हर वर्ष बड़ी संख्या में विद्यार्थी 12वीं पास करने के बाद मेडिकल और डेंटल कोर्स करने के लिए पाकिस्तान जाते हैं।
अब नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव और डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के सचिव द्वारा जारी सूचना के अनुसार कोई भी भारतीय विद्यार्थी डेंटल या फिर एमबीबीएस या फिर इसके बराबर के किसी कोर्स के लिए पाकिस्तान के किसी मेडिकल या डेंटल कालेज में एडमिशन लेता है तो उसे फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जीमिनेशन में भाग नहीं लेने दिया जसएगा। उसे इस डिग्री के आधार पर भारत में रोजगार भी नहीं दिया जाएगा।
सिर्फ वर्ष 2018 से पहले पाकिस्तान के कालेजों में एडमिशन लेने वालों या फिर बाद में गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी लेने के बाद पढ़ाई के लिए गए हैं, उन्हें ही यहां पर रोजगार की इजाजत दी जाएगी। हालांकि पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को राहत दी गई है। इसमें कहा गया है कि ऐसे शरणार्थी जिन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है उनकी उच्च शिक्षा की डिग्रियों को गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद भारत नौकरियों के लिए योग्य माना जाएगा।
नेशनल मेडिकल कमीशन और डेंटल काउंसिल आफ इंडिया ने यह सलाह दी उस समय दी है जब खुफियां एजेंसियां यह रिपोर्ट दे रही हैं कि कश्मीर से वैध प्रमाणपत्रों पर पाकिस्तान में पढ़ाई करने के लिए जाने वाले बहुत से छात्र बाद में आतंकी संगठनों में शामिल हो गए। कुछ वषों में ही ऐसे 17 विद्यार्थियों की विभिन्न मुठभेड़ों में मौत भी हो चुकी है। पाकिस्तान की खुफियां एजेंसी आइएसआइ अब यह गंदा खेल खेल रही है।