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पटना

मैट्रिक परीक्षा: नकलचियों पर नकल विरोधी कानून के डंडे


      • मैट्रिक की परीक्षा में चार दिनों में धराये 179 नकलची
      • मुन्नाभाइयों की भी खैर नहीं, दबोचे गये 35 फर्जी परीक्षार्थी

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में नकलचियों पर नकल विरोधी कानून के डंडे चल रहे हैं। नकल विरोधी कानून के चल रहे डंडे से न नकल करने वाले बच पा रहे हैं और न ही नकल कराने वाले। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार दिनों की परीक्षा में 179 नकलची निष्कासित किये गये हैं। दूसरे के बदले परीक्षा देते 35 फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई है।

राज्य में 1,525 परीक्षा केंद्रों पर मैट्रिक की परीक्षा बुधवार से चल रही है।

परीक्षा में शामिल होने के लिए इस बार 16 लाख 84 हजार 466 परीक्षार्थियों द्वारा फॉर्म भरे गये हैं। इनमें आठ लाख 37 हजार 803 छात्राएं और आठ लाख 46 हजार 466 छात्र हैं। मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने के लिए फॉर्म भरे हुए विद्यार्थियों में लगभग आधे विद्यार्थियों की पहली पाली में एवं आधे दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल होने की व्यवस्था है। इस बार पहली पाली की परीक्षा के परीक्षार्थियों की संख्या आठ लाख 46 हजार 969 है, जिनमें चार लाख 22 हजार 661 छात्राएं एवं चार लाख 24 हजार 308 छात्र हैं। इसी प्रकार दूसरी पाली के परीक्षार्थियों की संख्या आठ लाख 37 हजार 497 है। इननमें चार लाख 15 हजार 142 छात्राएं एवं चार लाख 22 हजार 355 छात्र हैं।

परीक्षा के पहले दिन नकल विरोधी कानून यानी बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम के तहत 82 नकलची निष्कासित हुए। इससे नकलचियों के हौसले इतने पस्त हो गये कि दूसरे दिन की परीक्षा में नकल के जुर्म में निष्कासित होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या घट कर 40 पर आ गयी। नकलचियों के मंसूबों पर पानी फिरने से तीसरे दिन की परीक्षा में नकल के जुर्म में निष्कासित परीक्षार्थियों की संख्या घट कर 31 पर पहुंच गयी। इसमें चौथे दिन की परीक्षा में और गिरावट आयी। चौथे दिन नकल के जुर्म में 28 नकलची  निष्कासित हुए।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की व्यवस्था से दूसरे के बदले परीक्षा में बैठने का दुस्साहस करने वालों की साजिश न सिर्फ नाकाम हो रहे हैं, अपितु परीक्षा कक्ष से ही गिरफ्तार भी किये जा रहे हैं। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले दिन की परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा देते 15 फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई। लेकिन, फर्जी परीक्षार्थियों के धड़पकड़ का अभियान रुका नहीं। यही वजह रही कि दूसरे दिन की परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा देते नौ फर्जी परीक्षार्थी फिर पकड़े गये और गिरफ्तार किये गये। तीसरे दिन की परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा देते पांच फर्जी परीक्षार्थी फिर पकड़े गये, जिन्हें गिरफ्तार किया गया। चौथे दिन की परीक्षा में फिर छह फर्जी परीक्षार्थी दूसरे के बदले परीक्षा देते पकड़ाये और गिरफ्तार हुए।

अब तक सुपौल से नौ, गया एवं मधेपुरा से सात-सात, भोजपुर, जहानाबाद, मुंगेर एवं पटना से दो-दो  तथा खगडिय़ा, दरभंगा, नवादा, अरवल, कैमूर, औरंगाबाद एवं बक्सर से एक-एक फर्जी परीक्षार्थी की गिरफ्तारी हुई है, जो दूसरे के बदले परीक्षा दे रहे थे।

इसके साथ ही तीसरे दिन की पहली पाली की ‘समाजिक विज्ञान’ का पर्चा लीक मामले में स्टेट बैंक के झाझा शाखा के संविदाकर्मी विकास कुमार तथा बैंक उसी शाखा के दो कर्मचारी  अजीत कुमार एवं शशिकांत चौधरी गिरफ्तार किये गये हैं। यह काररवाई जमुई के जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक की जांच रिपोर्ट के आधार पर हुई है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा पहली पाली की ‘समाजिक विज्ञान’ की परीक्षा रद्द की जा चुकी है, जिसकी पुनर्परीक्षा आठ मार्च को होनी है।

आपको बता दूं कि शनिवार को सिवान जिले महाराजगंज सेंट्रल बैंक के स्ट्रॉगरूम का ताला तकनीकी गड़बड़ी के कारण नहीं खुल सका, जिससे महाराजगंज के एएनयूएस महिला कॉलेज, एसबी हाई स्कूल एवं उमाशंकर हाई स्कूल परीक्षा केंद्रों की पहली पाली के अंग्रेजी विषय के प्रश्नपत्र की निकासी ससमय नहीं हो पायी। इससे तीनों परीक्षा केंद्रों की पहली पाली की अंग्रेजी की परीक्षा स्थगित कर दी गयी है। तीनों परीक्षा केंद्रों की यह परीक्षा अब नौ मार्च को पहली पाली में होनी है।