पटना

मोतिहारी में जेई घूस लेते धराया


मोतिहारी (आससे)। कोरोना की दूसरी लहर में बिहार विजलेंस टीम भी पूरी तरह से शांत बैठ गई थी। मगर, जैसे ही राज्य सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की, वैसे ही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजलेंस) की टीम एक्टिव हो गई। इनके पास घूस लेने वाले सरकारी अफसरों की कंप्लेन पहुंचने लगे। मंगलवार को  मोतिहारी में ग्रामीण कार्य विभाग के सिकरहना डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रामचंद्र पासवान को 80 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। साथ ही बिचौलिए का काम करने वाले डाटा ऑपरेटर शशि कुमार श्रीवास्तव को भी दबोच लिया गया है।

निगरानी की टीम ने जब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के आवास की तलाशी ली तो उसके बेड (बिस्तर) के नीचे से करीब 9 लाख रुपए बरामद हुई थी। इसमें 2000 औ 500 रुपए के नोट हैं। निगरानी की टीम रामचंद्र पासवान के पटना और रांची स्थित घर में पहुंची हुई है।इस कार्रवाई को निगरानी की टीम ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के छतौनी स्थित उसके आवास पर छापेमारी कर अंजाम दिया। दोनों के खिलाफ ठेकेदार बबलू सिंह ने निगरानी मुख्यालय में एक शिकायत दर्ज कराई थी।

ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर टेंडर के रुपए भुगतान करने के लिए 1.45 लाख रुपए घूस मांग रहे थे। इसके बाद ही मुख्यालय के आदेश पर आरोपों की जांच और पूरे मामले की पड़ताल के लिए 10 सदस्यीय स्पेशल टीम बनाई गई। टीम को लीड करने की जिम्मेवारी डीएसपी सुरेंद्र कुमार महुआर को दी गई, जिसके बाद मंगलवार को यह टीम मोतिहारी पहुंची। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के आवास में पूरा जाल बिछाया। इसके बाद जैसे ही शिकायत करने वाला शख्स रुपए लेकर वहां पहुंचा और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने उसे लिया, वैसे ही निगरानी वहां पहुंच गई। टीम ने दोनों को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

डीएसपी सुरेंद्र कुमार महुआर ने बताया कि रामचंद्र पासवान को 80 हजार रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया गया है। उनके आवास को खंगालने बेड के नीचे करीब 9 लाख नगद बरामद हुए हैं। शशि कुमार श्रीवास्तव एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और ठेकेदार के बीच बिचौलिया का काम करता था। निगरानी की अलग-अगल टीम ने रामचंद्र पासवान के पटना और रांची स्थित आवास पर पहुंच कर तलाशी ले रही है।