नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच काफी समय से विवाद बरकरार है। इस तनाव की वजह से दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है। इस खतरे के बीच जहां रूस अलग-थलग है वहीं यूक्रेन के साथ में यूरोप के कई देश और अमेरिका खड़ा दिखाई दे रहा है। दोनों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका को हाल ही में घटित कुछ बातों से बल मिला है।
यूएस ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कहा
आपको बता दें कि ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने यूक्रेन में मौजूदा अपने दूतावास कर्मियों के परिवारों को देश छोड़ने का निर्देश दिया है। वहीं अमेरिका ने चीन को सख्त लहजे में कहा है कि वो इस विवाद से दूर रहे तो अच्छा होगा। वहीं नाटो ने भी रूस को इस संबंध में चेतावनी दी है। दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया है कि पश्चिमी देशो यूक्रेन को आधुनिक हथियारों की आपूर्ति’ कर रहे हैं और यूक्रेन लगातार सैन्य अभ्यास कर रहा है।
ब्रिटेन के बयान पर रूस का पलटवार
यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि दो दिन पहले ही ब्रिटेन के विदेश विभाग ने कहा था कि रूस यूक्रेन में अपने समर्थित किसी नेता को बिठाना चाहता है। इसके लिए उसने अपनी खुफिया एजेंसियों को काम पर लगाया है जिसने वहां के पूर्व पीएम समेत अन्य रूसी समर्थक नेताओं से बात की है। हालांकि रूस ने इसका खंडन किया है। रूस का कहना है कि ब्रिटेन को इस तरह की गलत खबरों को फैलाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे तनाव बढ़ता है।
यूक्रेन सीमा पर रूसी सेना का जमावड़ा
रूस ने कुछ दिन पहले ये भी कहा था कि उसका यूक्रेन पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर बड़ी संख्या में अपने जवानों को भारी हथियारों के साथ तैनात किया हुआ है। अमेरिका की सेटेलाइट से मिली तस्वीरों में भी ये साफतौर पर देखी जा सकती हैं। यूक्रेन की ही बात करें तो उसकी जड़ें भी पूर्व सोवियत राष्ट्र से जुड़ी हुई हैं। वर्ष 2019 से यहां के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की हैं, जो कि वह राजनेता बनने से पहले अभिनेता और कामेडियन थे। उनकी पार्टी सर्वेंट ऑफ द पीपल (Servant of the People) है।