उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ की ठगी में 50 हजार का इनामी गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को साइबर क्राइम थाने की टीम ने रवि सिंह वर्मा को पकड़ा है। वहीं इससे पहले इस मामले में बैंक के पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे और सुख सागर सोलर कंपनी के निदेशक सुख सागर सिंह चौहान और 50 हजार का इनामी ज्ञान देव पाल समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 15 अक्टूबर को लखनऊ में हजरतगंज स्थित कोऑपरेटिव बैंक से 146 करोड़ रुपये दो निजी बैंक के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना मोहम्मद मुस्लिम खां ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें साइबर क्राइम की बनाई गई। तीनों टीमें सीतापुर, शाहजहांपुर, बाराबंकी और लखनऊ में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। इस दौरान बाराबंकी के ग्राम आदमकोठी निवासी रवि सिंह वर्मा के बारे में जानकारी मिली। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं एक टीम शाहजहांपुर में डेरा डाले हुए है। वारदात के दिन से फरार मुख्य आरोपी गंगा सागर सिंह चौहान की तलाश की जा रही है। इसके लिए पुलिस उसके परिवारीजनों पर भी लगातार निगरानी रख रहीं हैं। इसमें बैंक के पूर्व कर्मचारी व अधिकारी, बिल्डर, कंपनी के निदेशक और कुछ साइबर एक्सपर्ट शामिल थे। यही वजह है कि इस तरह की घटना कारित की गई। एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह के मुताबिक, 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में बैंक के सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की गई। वारदात के दिन पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे के अलावा चार अन्य लोगों के बैंक के अंदर जाने की पुष्टि हुई थी। एसपी के मुताबिक, पड़ताल में यह सामने आया कि बैंक के अंदर घुसकर हेराफेरी करने वालों में सीतापुर के उमेश गिरी, शाहजहांपुर के ज्ञानदेव पाल, बाराबंकी के रवि सिंह वर्मा और लखनऊ के सतीश शामिल हैं।
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