लखनऊ, । प्रदेश सरकार ने प्रदूषण पर वार करने के लिए 75 जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) तैनात किए हैं। इन्हें जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला पर्यावरण समिति में तैनात किया गया है। समिति के पर्यावरण के जुड़े कार्यों में जेआरएफ मदद करेंगे। स्थानीय निकाय निदेशालय में इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी मंगलवार से शुरू हो गया।
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा कि जेआरएफ के आने से पर्यावरण संरक्षण एवं अनुसंधान में बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी जेआरएफ पर्यावरण व प्रदूषण के अनुसंधान पर अधिक ध्यान दें। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि जिला पर्यावरण समिति प्रदूषण दूर करने के लिए अपने-अपने शहर के एक्शन प्लान को मजबूती से लागू करने में जेआरएफ मदद करेंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सचेत रहने के लिए कहा।
विभाग के सचिव एवं निदेशक पर्यावरण आशीष तिवारी ने बताया कि जिला पर्यावरण समिति के संयोजक संभागीय वनाधिकारी होते हैं। इनकी मदद के लिए ही जेआरएफ लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी नेट पास युवाओं को ही जेआरएफ बनाया गया है। प्रत्येक जेआरएफ को करीब 35 हजार रुपये प्रति माह दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने पर्यावरण एवं प्रदूषण से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। अंत में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अजय शर्मा ने आए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।