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यूपी में बेमौसम बारिश और बाढ़ बनी आफत, हादसों में 24 लोगों की चली गई जान,


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तीन-चार दिनों से हो रही बेमौसम बारिश आफत बन गई। कहीं जलभराव से लोगों को निकलना दूभर हो गया है तो वहीं आकाशीय बिजली और दीवार गिरने से 24 लोगों की मौत हो गई। खेतों में पानी भरने से तिली, बाजरा सहित अन्य फसलें गिर गईं, जबकि सरसों व मक्के की कटी फसल को भी नुकसान पहुंचा है। लगातार हो रही वर्षा के चलते कई जिलों में कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के विद्यालयों में 10 और 11 अक्टूबर का अवकाश घोषित कर दिया है।

अतिवर्षा और बाढ़ से लोग परेशान

अतिवर्षा और बाढ़ ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हालात त्रासद हो गए हैं। गोरखपुर में रोहिन के बाद राप्ती ने लाल निशान लांघ लिया है। बस्ती, देवरिया एवं आसपास सरयू भी तेजी से बढ़ रही है। बड़हलगंज में जलधारा के बीच नाव पलटने से दो लोग बह गए। बलरामपुर, श्रावस्ती, लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर और गोंडा में बाढ़ से हालात और त्रासद हो गए हैं।

मथुरा में बच्ची यमुना में बह गई

मथुरा में शनिवार शाम को तीन वर्षीय बालिका की जन्म तिथि मनाकर स्वजन स्कूटी से घर लौट रहे थे। सड़क पर भरे पानी में स्कीटी फिसल गई। बच्ची भी पानी में गिर गई। जब तक स्वजन सचेत होते, बच्ची बहती हुई यमुना में चली गई। मथुरा शहर में भूतेश्वर-श्रीकष्ण जन्मभूमि मार्ग के फुटपाथ पर लेटा एक व्यक्ति पानी में डूब गया। आगरा के बास रिसाल गांव में रविवार तड़के चार बजे बारिश से छत ढहने से मलबे में दबकर वृद्धा की मौत हो गई।

अलीगढ़ में 80 कच्चे- पक्के मकान ढहे

फिरोजाबाद के गांव गादलपुरा में दीवार के मलबे में दबने से वृद्धा की मौत हो गई। अलीगढ़ में पिछले 24 घंटों में 80 एमएम बरसात हुई है। इस दौरान 80 कच्चे- पक्के मकान ढह गए। इनमें दबकर बच्ची सहित चार लोगों की मौत हुई है। बरसात से शहर की सड़कें डूब गईं। पश्चिम उप्र के कई जिलों में दिनभर बरसात हुई। बुलंदशहर में मकान गिरने से अहमदगढ, नरौरा, औरंगाबाद क्षेत्र में कई मकान गिर गए। मलबे में दबकर दो की मौत हो गई।

बरेली, उन्नाव और औरैया में हादसे

बरेली में बारिश के दौरान मकान के मलबे में दबकर बच्ची की मौत हो गई तो वहीं पीलीभीत में वज्रपात एवं मकान गिरने की घटनाओं में दो ने दम तोड़ दिया। हरदोई में वज्रपात से पाली और लोनार क्षेत्र में फसल की रखवाली कर रहे दो किसानों की शनिवार की रात मौत हो गई। कच्चे घरों के गिरने की घटनाओं में उन्नाव में तीन और औरैया में दो लोगों की मौत हुई है। वहीं, वज्रपात से इटावा के जैनपुरनागर में वृद्धा की मौत हो गई।

बाढ़ से हाहाकार, नेशनल हाईवे पर आवागमन बंद

बलरामपुर में सिसई घाट पर राप्ती नदी खतरे के निशान 104.620 से ऊपर 105.920 सेंटीमीटर पर बह रही है। शहर से लेकर गांव तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। 400 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। इसमें 150 गांव टापू बन गए हैं। एसडीआरएफ और पीएसी जवान रेस्क्यू में लगे हैं। यहां बाढ़ के कारण नेशनल हाईवे डूब गया है, जिससे आवागमन बंद हो गया है। बहराइच में घाघरा खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर बह रही है। 150 गांव पानी से घिरे हैं। गोंडा में बाढ़ व बारिश के पानी ने जिले के 96 गांवों में तबाही मचाई है। जलभराव होने से लोगों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। 50 हजार आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रभावित क्षेत्र में आवागमन के लिए 30 नाव लगाई गई हैं। श्रावस्ती में 150 से अधिक गांव की दो लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। फसल चौपट होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

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नुकसान देख सदमे में किसान ने दम तोड़ा

अयोध्या के ग्राम पंचायत मोइयाकपूरपुर के मजरे शुक्ल का पुरवा में किसान ओमनारायण शुक्ल (56) की पानी में डूबी धान की तैयार फसल देखने के बाद सदमा लगने से मौत हो गई। ऐसे ही त्रासद हालात कई जिलों में हैं। अलीगढ़ में लगातार जारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। यहां धान की खेती 87082 हेक्टेयर है। बाजरा 85427 और मक्का 19880 हेक्टेयर है। खेतों में पकने को खड़ीं तीनों फसलें काफी प्रभावित हुई हैं। इगलास, अतरौली, अकराबाद, गंगीरी, खैर सहित अधिकांश क्षेत्रों में फसलें पानी में डूब गईं। करीब 20 प्रतिशत कटाई हो चुकी थी। सरसों व सब्जियों की बोआई प्रभावित हुई।

धान, आलू, उड़द की फसल को नुकसान

मुरादाबाद मंडल में धान, आलू, उड़द व सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। बरेली में 24 घंटे में 80 मिमी वर्षा होने से धान की फसल डूब चुकी है। शाहजहांपुर में 24 घंटे में रिकार्ड 107 मिमी वर्षा होने से ऐसा ही हाल है। अतिवर्षा से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज जिला में फसलें और सब्जियां डूब गईं। कानपुर मंडल में खेतों में पानी भरने से तिल, बाजरा सहित अन्य फसलें गिर गईं, जबकि सरसों व मक्के की कटी फसल को भी नुकसान पहुंचा है।

डीएम के आदेश से स्कूल बंद, कई जगह बत्ती गुल

बरसात के चलते नर्सरी से बारहवीं तक के बच्चों की 10 व 11 अक्टूबर की छुट्टी डीएम ने घोषित की है। हाथरस में भी सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे। आगरा में प्रशासन ने 11 अक्टूबर तक सभी शिक्षण संस्थान बंद करने के आदेश जारी किए हैं। मुरादाबाद मंडल के सभी जिले मुरादाबाद, संभल, अमरोहा व रामपुर के जिलाधिकारियों ने अपने जिले के 12 वीं तक के सभी स्कूलों में कल (सोमवार) छुट्टी कर दी है। बरसात की वजह से संभल जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन से बिजली आपूर्ति ठप है। बुलंदशहर में बरसात की वजह से कई क्षेत्रों में दिनभर बिजली गुल रही। बरेली जिले के उपकेंद्रों में पानी भरने से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। रेल पटरी पर भी जलभराव हो गया मगर, अभी यातायात सुचारू है। लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर फरीदपुर बाईपास के किनारे दरक गए।

13 अक्टूबर तक बारिश का पूर्वानुमान

तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में 13 अक्टूबर तक बारिश का पूर्वानुमान है। आंचलिक मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार, मानसून की ट्रफ लाइन वर्तमान में पूर्वोत्तर अरब सागर से पूर्वोत्तर राजस्थान और गुजरात की ओर है। उत्तर प्रदेश में पूर्वी उत्तर प्रदेश की अपेक्षा पश्चिमी जिलों में मानसून अधिक तेज है। इस वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज और चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी है। आने वाले दिनों में भी पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, महोबा, झांसी समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में गरज चमक के साथ भारी बारिश का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कुछ जिलों में तेज बारिश दर्ज की जा सकती है।