योगी सरकार के इस फैसले का फायदा एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों को होगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के बीच एक समझौता पहले ही हो चुका है। इसी तरह यूपी के एनसीआर में पंजीकृत वाहनों को दूसरे राज्यों के एनसीआर में आने वाले जिलों में जाने पर अलग अलग राज्यों का रोड टैक्स नहीं देना होगा।
इन राज्यों की बसें सिर्फ अपने राज्य में जो टैक्स देती हैं उन्हें इसके अतिरिक्त दूसरे राज्य की सीमा में जाने पर अब टैक्स नहीं देना पड़ेगा। ये सुविधा इन राज्यों के बीच कैब सर्विस को लेकर पहले से थी, यानी अब कैब के अलावा स्कूल बस और परिवहन निगम की बसों को भी अलग अलग टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने गुरुवार को स्कूली वाहन व राज्य परिवहन की बसों को टैक्स में छूट प्रदान इसके का आदेश जारी कर दिया। अब दूसरे राज्यों के वाहनों को यूपी में प्रवेश पर अलग से रोड टैक्स नहीं देना होगा। इस व्यवस्था से प्रदेश सरकार को करीब 12 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने मंगलवार को परिवहन विभाग से जुड़े इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसका फायदा एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों को होगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के बीच भी एक समझौता हुआ है जिसके तहत इन राज्यों के बीच चलने वाली बसों को अब अलग अलग राज्यों का टैक्स नहीं देना होगा।
इन राज्यों की बसें सिर्फ अपने राज्य में जो टैक्स देती हैं उन्हें इसके अतिरिक्त दूसरे राज्य की सीमा में जाने पर अब टैक्स नहीं देना पड़ेगा। ये सुविधा इन राज्यों के बीच कैब सर्विस को लेकर पहले से थी, यानी अब कैब के अलावा स्कूल बस और परिवहन निगम की बसों को भी अलग अलग टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसका सीधा फायदा यात्रियों को कम किराये के रूप में मिलेगा।
ये सुविधा इन चारों राज्यों के एनसीआर में आने वाले जिलों में ही मिलेगी। यूपी में एनसीआर के आठ जिले आते हैं जहां इस नई व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इनमें गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर व बागपत हैं।