रांची में वायु प्रदूषण का स्तर घटा, ध्वनि प्रदूषण बढ़ा
रांची में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दीपावली में वायु प्रदूषण का स्तर घटा है। लेकिन ध्वनि प्रदूषण सामान्य से अधिक हुआ है। आम तौर पर यह देखा गया है कि दिवाली पर हर वर्ष होने वाला प्रदूषण लगभग एक सप्ताह में वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बराबर होता है। रांची भी इसमें पीछे नहीं है। वर्ष 2020 के पीक आवर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 484 था। यह सामान्य से चार गुणा ज्यादा था। लेकिन इस वर्ष रांची में दिवाली पर प्रदूषण का स्तर घटा है।
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के आकड़ों के अनुसार, इस वर्ष दिवाली पर एक्यूआई 251 रहा, जो पिछले वर्ष से दो गुणा कम। फिर भी यह मानव शरीर के लिए हानिकारक है। एक्यूआई 100 से अधिक होने पर ही यह सेहत के लिए खराब होता है। विशेषज्ञों के अनुसार 200 से 300 एक्यूआई काफी खराब होता है। इससे वायु में ऑक्सीजन कम हो जाती है और सांस संबंधी परेशानियां बढ़ जातीं हैं। अस्थमा, दिल का दौरा, हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्याएं बढ़ सकतीं है। ऐसे में बच्चों और सांस सम्बंधी मरीजों के लिए काफी गंभीर समस्याएं हो सकतीं है।
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अगर 0 से 50 के बीच होता है, तो यह बहुत अच्छी हवा मानी जाती है। अगर एक्यूआई 50 से 100 के बीच होती है तो यह मध्यम वर्ग का माना जाता है। यह भी हानिकारक नहीं माना जाता। पर 100 से अधिक होने पर यह मानव शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। 200 से अधिक एक्यूआई काफी गंभीर श्रेणी में आता है, जो मानव शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है।
पिछले चार वर्षों का जारी एक्यूआई
आंकड़ा के अनुसार वर्ष 2017 में 150-166, वर्ष 2018 260.4, वर्ष 2019 275.96 वर्ष 2020 484 था।जहां वायु प्रदूषण पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कम हुआ। दूसरी ओर ध्वनि प्रदूषण पिछले वर्ष से भी अधिक रहा। अशोक नगर सहित अन्य आवासीय क्षेत्रों में रात 9 से 12 बजे तक सामान्य दिनों की अपेक्षा 25 से 30 डेसिबल अधिक रहा। अलबर्ट एक्का चौक और कचहरी चौक सहित अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में भी पिछले वर्षों के मुकाबले 12-15 डेसिबल तक सामान्य से अधिक ध्वनि प्रदूषण हुआ।