पटना

राजगीर जू सफारी के लोकार्पण के साथ ही बिहार के विकास में हुआ विस्तार


देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए यह जू सफारी होगा आकर्षण का केंद्र

बिहारशरीफ। राजगीर में जू सफारी के शुभारंभ के साथ हीं बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने का नया आयाम जुड़ गया है। अब यहां सैलानियों को घूमने के लिए एक और मौका मिलेगा। राजगीर की वादियां, विश्व शांति स्तूप तक जाने वाला रोपवे, भगवान बुद्ध की ठहराव स्थली वेणुवन, ईको-टूरिज्म घोड़ाकटोरा, पांडु पोखर, नेचर सफारी के बाद अब वाइल्ड लाइफ सफारी का लोकार्पण बिहार एवं देश के लोगों को राजगीर आने के लिए मजबूर करेगा।

सफारी की विशेषता: 176 करोड़ की लागत से 191.2 हेक्टेयर में इस सफारी का निर्माण हुआ है। वैभव गिरि एवं स्वर्णगिरी पर्वतों के बीच स्थित यह जू सफारी नेचर वाइज  भी देखने में किसी अजूबा से कम नहीं है, लेकिन इसमें चार चांद लगा रहा है खुले में घूमता वन्यजीव जिसमें बाघ, चीता, तेंदुए और भालू जैसा खूंखार प्राणी से लेकर चीतल, हिरण, बंदर जैसे जीव जंतू, रंग बिरंगी पक्षियां भी इस जू सफारी के आकर्षण का केंद्र है।

आकर्षण का केंद्रः इसके अलावे जू सफारी का सेल्फी प्वाइंट अपने आप में अद्वितीय है जहां भालू, हिरण, शेर, चीता और बाघ के साथ लोगों को फोटो खिंचाने का मौका मिलेगा। गैलरी भी वन्य जीवों के साथ-साथ आदम जाति के लोगों का है। इसके साथ हीं ओरियेंटेशन सेंटर, ऑडिटोरियम, बर्ड एवियरी, एम्पीथियेटर भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। इस सफारी में दो किलोमीटर दूर तक दिखने वाला टेलिस्कोप भी लगाया गया है। वाच टावर भी लगे है, जहां से सफारी की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। लोग टेलिस्कोप की मदद से चीता, शेर, बाघ, भालू जैसे जीवों का क्रियाकलाप देख सकेंगे।

क्या-क्या है बनाः इस जू सफारी में 112.80 हेक्टेयर में बीयर, लियोपार्ड, टाइगर, लॉयन व हर्भिवोर सफारियां है, जबकि 7.87 हेक्टेयर में रिसेप्शन एवं ओरियेंटेशन जोन है। एवियरी और बटरफ्लाई का एरिया 3.13 हेक्टेयर है, जबकि पार्किंग के लिए 2.32 हेक्टेयर क्षेत्रफल का क्षेत्र है, जहां 1111 वाहन पार्क किये जा सकते है। सफारी में प्रवेश के लिए 5 गेट है। यहां पर चार हेक्टेयर में मैनेजमेंट जोन है, जबकि 61 हेक्टेयर का एरिया ग्रीन जोन होगा। रिसेप्शन काउंटर हिरण थीम पर आधारित है। यहां म्यूजियम, कैफेटेरिया, औषधालय भी होगा।

पांच साल में बनकर तैयारः कोविड के कारण जू सफारी का शुभारंभ में विलंब हुआ। वन्यजीवों को लाने में देरी हुई। 6 अगस्त 2015 को सरकार द्वारा इसकी स्वीकृति मिली थी। जबकि 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसका शिलान्यास किया गया था। लगभग 5 वर्षों में यह जनता के लिए समर्पित हो गया।

मौजूदा वन्यप्राणी: मौजूदा समय में इस जू सफारी में दो तेंदुओ, दो भालू, दो बाघ, छः शेर, चार ब्लैक बक, आठ भौंकने वाला हिरण, आठ हॉग डियर, आठ सांभर के अलावे सैकड़ों की संख्या में हिरण है। आने वाले दिनों में इसकी संख्या में और वृद्धि होगी क्योंकि वन्य जीवों को लाने के लिए तमिलनाडू और महाराष्ट्रा सरकार से बात चल रही है।

उपलब्ध सुविधाएं: इस सफारी में पशु चिकित्सालय, रसोई के अलावे जानवर पोस्टमार्टम रूम होगा। 36 कर्मियों के लिए आवासन की व्यवस्था है। यहां के अधिकारियों को अंदर घूमने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन होगा, जबकि सैलानियों को घूमने के लिए 22-22 सीट का 20 वातानुकूलित वाहन है, जिसमें शीशा लगा है। इसी पर बैठकर लोग खुले में विचरण करते वन्यजीवों का दीदार करेंगे।