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राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने चला बड़ा दांव, इन चार राज्यों में विपक्ष को हो सकता है नुकसान


नई दिल्ली।  राज्यसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। भाजपा ने कई राज्यों में ज्यादा उम्मीदवार उतारकर विपक्ष के लिए मुकाबला कठिन बना दिया है।

 

भाजपा ने अपने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। सूची में नए चेहरों को मौका दिया गया है। इसमें 28 में से 24 नए चेहरे हैं।

केवल चार पुराने सांसदों को मौका

भाजपा ने जिन चार सांसदों को दौबारा उतारा है उनमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का नाम शामिल है।

इन नेताओं को लोकसभा भेजने की तैयारी

भाजपा ने कई बार पहले ही ये साफ किया है कि वो कई बड़े नेताओं को इस बार राज्यसभा की जगह लोकसभा चुनाव लड़ाएगी। राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची के बाद ये साफ भी हो गया है। अब केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, नारायण राणे, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल जैसे वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी है।

यूपी और हिमाचल में होगा दिलचस्प मुकाबला

भाजपा ने इस बार यूपी और हिमाचल से एक-एक ज्यादा उम्मीदवार उतारकर विपक्षी खेमे को सकते में डाल दिया है। दरअसल, भाजपा के इस दांव से यूपी में एसपी की एक सीट फंस सकती है, तो वहीं हिमाचल में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी की सीट फंस सकती है।

हिमाचल में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर

हिमाचल में वैसे तो कांग्रेस के पास पूरा संख्याबल है, लेकिन यहां भी एक पेंच फंस सकता है। दरअसल, 68 सदस्या असेंबली में कांग्रेस के पास 40 तो भाजपा के पास 25 विधायक है। कांग्रेस को यहां जीत के लिए 34 विधायक चाहिए, लेकिन पार्टी में असंतोष के कारण यहां क्रॉस वोटिंग का खतरा है। कांग्रेस में वैसे भी क्रॉस वोट पुराना इतिहास रहा है।

कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी हो सकता खेल

कर्नाटक में चार सीटों पर चुनाव है और यहां तीन सीट कांग्रेस और एक सीट पर भाजपा और जेडीएस गठबंधन का जीतना तय माना जा रहा। कांग्रेस ने कर्नाटक से अजय माकन, अनिल कुमार यादव और नासिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा-जेडीएस ने दो उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने नारायणसा बांगडे को तो जेडीएस ने पूर्व राज्यसभा सदस्य डी.कुपेंद्र रेड्डी को उतारा है।

यहां 224 विधायकों की असेंबली में कांग्रेस के 135 विधायक, भाजपा के 66 और जेडीएस के 19 विधायक हैं। यहां 4 उम्मीदवार होने पर जीत के लिए 45 नंबर चाहिए, लेकिन जैसा की भाजपा ने पांचवा उम्मीदवार उतारा है तो अब फैसला प्राथमिकता के आधार पर होगा जो कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है।

महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की एकमात्र सीट जाने का डर है। अगर कांग्रेस में टूट होती है तो उम्मीदवार चद्रकांत हंडोरे फंस सकते हैं।

यूपी में सबसे दिसचस्प मुकाबला

यूपी में इस बार का राज्यसभा चुनाव सबसे दिलचस्प होने वाला है। यहां कुल 10 सीटें है, जहां नंबर गेम में भाजपा को 7 तो सपा को तीन मिलती दिख रही है। लेकिन सपा ने जब अपना तीसरा उम्मीदवार उतारा तो पार्टी में बगावत शुरू हो गई और इसका फायदा उठाने के लिए भाजपा ने अपना आठवां उम्मीदवार  संजय सेठ (Sanjay Seth) को उतार डाला।

यहां बता दें कि यूपी में एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 वोट चाहिए होते हैं। सपा को 111 विधायकों की जरूरत है, लेकिन उसके पास 108 विधायक है। कांग्रेस के दो विधायकों का समर्थन मिलने के बाद भी सपा को एक विधायक की जरूरत होगी। यानी सपा के पास तीसरा उम्मीदवार जीताने के नंबर नहीं है।

दूसरी ओर भाजपा के पास भी आठवां उम्मीदवार जीताने के नंबर नहीं है, लेकिन आरएलडी और क्रॉस वोटिंग से वो खेल कर सकती है।