पटना

राष्ट्रपति कोविंद ने किया विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ


आजादी के शताब्दी वर्ष तक बिहार अग्रणी राज्य बनेगा : कोविंद

  • सीएम जब बिहारी राष्ट्रपति कहते, तो हम अंदर से गदगद महसूस करते

 (आज समाचार सेवा)

पटना। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुख्यमंत्री जब हमें बिहारी राष्ट्रपति कहते हैं तो हम अंदर से गदगद महसूस करते हैं। बिहार सदैव इतिहास रचते रहा है और आज एक नया इतिहास रचने का काम किया है। बिहार के प्रतिभावान एवं परिश्रमी लोग नया मानदंड स्थापित करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि २०४७ तक यानि आजादी के शताब्दी वर्ष तक बिहार ह्यूमन इंडेक्स के मामले में अग्रणी राज्य बनेगा। राष्ट्रपति गुरूवार को विधानसभा परिसर में विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ करते हुए बोल रहे थे। राष्ट्रपति विधानसभा परिसर पहुंचने के बाद शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास एवं गया से लाये गये बोधि वृक्ष के शिशु पौधा का रोपण किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र में बिहार के योगदान पर मुझे गर्व होता है कि बिहार की धरती विश्व के प्रथम लोकतंत्र की जननी रही है। भगवान बुद्ध ने विश्व के आरंभिक गणराज्यों को प्रज्ञा तथा करुणा की शिक्षा दी थी। साथ ही उप गणराज्यों की लोकतांत्रिक व्यवस्था के आधार पर, भगवान बुद्घ ने अपने संघ के नियम निर्धारित किये थे। संविधानसभा के अपने अंतिम भाषण में बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर ने स्पष्ट किया था कि बौद्ध संघों के अनेक नियम आज की संसदीय प्रणाली में विद्यमान हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार प्रतिभावान लोगों की धरती रही है। पुरे देश को गौरवपूर्ण बनाने वाली एक महान परंपरा की स्थापना, इसी धरती पर नालंदा, विक्रमशीला व ओदंतपुरी जैसे विश्व स्तरीय शिक्षा केंद्रों, आर्यभट्ट जैसे वैज्ञानिक, चाणक्य और अन्य महान विभूतियों द्वारा की गयी थी। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग उस समृद्घ विरासत के उत्तराधिकारी हैं और उसे आगे बढाऩे की जिम्मेवारी आप सबकी है।

भारत के संविधान के निर्माण में बिहार के लोगों के योगदान के बारे में उन्होंने कहा कि जब भरत की संविधान सभा द्वारा हमारे आधुनिक लोकतंत्र का नया अध्याय रचा जा रहा था तब बिहार की विभूतियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। संविधान सभा के वरिष्ठतम सदस्य डा सच्चिदानंद सिन्हा प्रथम अध्यक्ष के रुप में मनोनीत हुए और ११ दिसंबर १९४६ को डा राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष चुने गये। संविधान सभा में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले बिहार के अन्य विभूतियों में श्री अनुग्रह नारायण सिंह, श्री कृष्ण सिन्हा, दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह, जगत नारायण लाल, श्याम नंदन सहाय, सत्यनारायण सिन्हा, जयपाल सिंह, बाबू जगजीवन राम, रामनारायण सिंह और ब्रजेश्वर प्रसाद शामिल थे। राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक व आर्थिक न्याय, स्वतंत्रता, समता और सौहार्द की आधारशिला पर निर्मित हमारा लोकतंत्र प्राचीन बिहार के लोकतासंत्रिक मूल्यों को आधुनिक कलेवर में समेटे हुए पुष्पित और पल्वित हो रहा है। इसका श्रेय बिहार की जनता और उसके निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जाता है।

बिहार में मदिरा की विक्री और सेवन पर रोक लगाने के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि १९२१ की विधानसभा के अपने संबोधन में गवर्नर लार्ड सिन्हा ने कहा था कि मादक पदार्थों अथवा मदिरा के उत्पादन तथा विक्री पर रोक लगाने के लिए कोई नीति सुनिश्चित होनी वाहिए। हमारे संविधान के नीति निर्देशक तत्वों के तहत लोक स्वास्थ्य को सुधारने का राज्य का कर्तव्य स्पष्ट रुप से उल्लिखित है। इस कर्तव्य में मदाक पेय और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थों के सेवन का निषेध करना भी शामिल है। गांधी जी के सिद्धांतों पर आधारित इस संवैधानिक अनुच्छेद को बिहार विधानसभा द्वारा कानून का दर्जा देकर लोक स्वासथ्य तथा समाज, विशेषकर कमजोर वर्ग की महिलाओं के हित में एक बहुत कल्याणकारी अधिनियम बनाया गया।

राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार की जनता आप सभी जन प्रतिनिधियों को अपना भाग्य विधाता मानती है। उन्होंने उम्मीद दतायी कि सभी विधायक गण अपने आचरण और कार्यशैली से जनता की आशाओं को यथार्थ रुप देने का प्रयास करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकार प्रसन्नता हुई कि बिहार विधानमंडल के सदस्यों ने आज समाजिक अभिशापों से मुक्त वरदानों से युक्त सम्मानों से पूर्ण बिहार के निर्माण के लिए संकल्प अभियान का शुभारंभ कर रहे हैं।

उन्होंने कामना की कि सभी विधायकगण आज इस सदन में लिये गये संकल्पों को कार्यान्वित करें तथा बिहार को एक सुनिश्चित, सुसंस्कारित और सुविकसित राज्य के रुप में प्रतिष्ठित करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील बने रहें। उन्होंने कहा कि आपके ऐसे प्रयासों के बल पर सन २०४७ यानि देश की आलादी के शताब्दी वर्ष तक बिहार ह्यूमन डेवलमेंट के पैमाने पर एक अग्रणी राज्य बन जायेगा। इस प्रकार राज्य की विधायिका की शताब्दी का यह उत्सव सही मायने में सार्थक सिद्ध होगा।

राष्ट्रपति ने दीपावली व छठ पूजा की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि छठ पूजा अब एक ग्लोबल पेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यू जर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बिहार के प्रतिभावान व परिश्रमी लोग सफलता के नये मानदंड स्थापित करेंगे।

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं उप मुख्यमंत्री रेणु देवी मंचासीन थी जबकि समारोह में बड़ी संख्या में मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, विधान वपार्षद, पूर्व विधान पार्षद, सांसद एवं पूर्व सांसद मौजूद थे। इनके अलावा मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, डीजीपी एसके सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, आयुक्त पटना प्रमंडल संजय कुमार अग्रवाल, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी उपेंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।