पटना

पटना: जो राज्यकर्मी विपश्यना केंद्र जायेंगे उन्हें 15 दिन की छुट्टी : सीएम


(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो राज्य कर्मी बुद्ध स्मृति पार्क में अवस्थित विपासना केंद्र में विपश्यना केंद्र जायेंगे उन्हें सरकार वर्ष में १५ दिन की छुट्टी देगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का बिहार से पुराना रिश्ता है। उनके बारे में सबको मालूम है कि ये बिहार में लगभग दो साल तक राज्यपाल रहे थे। राज्यपाल के बाद पहली बार राष्ट्रपति बनने का अवसर प्राप्त हुआ। हम बिहारी लोग तो इनको बिहारी भी कहते हैं, क्योंकि ये बिहार के राज्यपाल रहते हुए राष्ट्रपति बने। इतनी बड़ी प्रतिष्ठा मिलने के बाद हमलोगों को बेहद खुशी हुई।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने क बाद ये पहली बार तीसरा कृषि रोड मैप की शुरूआत करने के लिए नौ नवंबर २०१७ को बिहार आये थे। इसके बाद १५ नवंबर २०१८ को डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आये थे। २५ अक्तूबर २०१९ को विश्व शांति स्तूप राजगीर के वार्षिकोत्सव में हमारे विशेष आग्रह पर ये यहां पधारे थे। उन्होंने कहा कि जापान के फूजी गुरू जी ने विश्व शांति स्तूप का निर्माण कराया था। विश्व शांति स्तूप का शिलान्यास छह मार्च १९६५ को उस समय के राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने किया और २५ अक्तूबर १९६९ को राष्ट्रपति वीवी गिरी ने इसका उद्टन किया।

उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि बिहार के साथ उडि़सा भी उसका हिस्सा था। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो वर्ष २००९ से २२ मार्च को बिहार दिवस के रुप में मनाते हैं। वर्ष २०१२ में बिहार राज्य के १०० साल पूरा होने पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। उस वक्त के सभापति स्वर्गीय पंडित ताराकांत झा जी द्वारा कार्यक्रम के लिए किये गये मेहनत को हमेशा याद किया जाना चाहिए। उस कार्यक्रम में उस समय के राष्टपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल शामिल हुई थीं। पूरे एक साल तक कार्यक्रम चला था। तीन मई २०११ को पूर्व राष्टपति डा एपीजे कलाम को बुलाया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति जीने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया। यह जब बनकर तैयार होगा तो बहुत सुंदर लगेगा। इस अवसर पर बोधगया से लाये गये शिशु बोधि वृक्ष का भी आज रोपण किया गया। बोधि वृक्ष के पास भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बोधि वृक्ष के यहां रहने से जो जनप्रतिनिधि यहां आयेंगे उन सबका ज्ञान और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमलोगो ने बुद्ध स्मृति पार्क बनवाया। इसमें अनेक चीजों का निर्माण कराया गया। यहां पर बोधगया, श्रीलंका और अनुराधापुर का बोधि वृक्ष लगाया गया। श्रावस्ती में १४ साल तक भगवान बुद्ध रहे थे। वहां से बोधि वृक्ष मंगाया गया और उसका रोपण कराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन जुलाई २०१८ से विपश्यना केंद्र का नियमित संचालन हो रहा है। करीब १२०० लोग इसमें भाग ले चुके हैं। हम लोग चाहते हैं कि जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं वे विपश्ना केंद्र में जायें और उसका अनुभव प्राप्त कर लें। जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी वहां जायेंगे उनको १५ दिन का अवकाश दिया जायेगा।