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रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव जीतने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला उम्मीदवार बनीं निक्की हेली


 वाशिंगटन। अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव (US Election 2024) है और भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने पहले ही बड़ी जीत हासिल कर ली है।

 

वाशिंगटन डीसी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हराकर हेली ने अपनी पहली रिपब्लिकन नामांकन प्रतियोगिता में जीत दर्ज की। 51 वर्षीय निक्की हेली ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी ट्रंप को पीछे छोड़ 1,274 वोट (62.9%) के साथ जीत हासिल की। ट्रंप को महज 676 (33.2%) वोट हासिल हुए।

इस मामले में बनीं पहली भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार

रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के प्राथमिक चुनाव में जीत हासिल करने वाली हेली पहली महिला बनीं है। इसके अलावा डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन प्राइमरीज में जीत हासिल करने वाली हेली पहली भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार हैं। इस जीत के साथ ही हेली वाशिंगटन डीसी से सभी 19 रिपब्लिकन प्रतिनिधियों पर दावा करेंगी, जिससे उनके राष्ट्रव्यापी कुल 43 प्रतिनिधियों में योगदान होगा। हालांकि, हेली को अपने गृह राज्य दक्षिण कैरोलिना में हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वह मिसौरी और इडाहो में भी वह जीत नहीं पाई।

ट्रंप VS हेली

ट्रंप ने हेली की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें असफल यथास्थिति के समर्थकों का समर्थन प्राप्त हुआ है, जबकि हेली ने ट्रंप पर संघीय घाटे को बढ़ाने का आरोप लगाया।

हेली की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्रंप के अभियान ने एक बयान जारी कर उन्हें व्यंग्यात्मक रूप से बधाई दी। बता दें कि यह जीत हेली को पिछले तीन भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दावेदारों से बिल्कुल अलग बनाती है। इससे पहले 2016 में बॉबी जिंदल, 2020 में कमला हैरिस और 2024 में विवेक रामास्वामी, ये सभी एक भी प्राथमिक जीत हासिल करने में असफल रहे हैं।

ट्रंप को बढ़त, लेकिन हेली को Super Tuesday का इतंजार

247 प्रतिनिधियों के साथ ट्रंप की बढ़त के बावजूद, हेली की जीत ने सुपर मंगलवार को लेकर और उत्साहित कर दिया है। 15 राज्यों और अमेरिकी समोआ के भाग लेने के साथ, यह राष्ट्रपति पद के प्राइमरीज में एक महत्वपूर्ण चरण साबित होगा। हेली ने 5 मार्च तक दौड़ में बने रहने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

न्यायिक फैसले को पलटते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति पद दोबारा हासिल करने के उनके अभियान में सोमवार को बड़ी जीत दिलाई। दरअसल, 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल हमले के लिए उकसाने और समर्थन करने के लिए विद्रोह से जुड़े संवैधानिक प्रावधान के तहत US सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को कोलोराडो के मतदान से बाहर कर दिया था।