रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित पंचायतों में बाढ़ का पानी धीरे धीरे पुनः बढ़ने लगा है। बाढ़ प्रभावित पंचायतों में प्रभावित परिवारों का दर्द अभी भी कम नहीं होता हुआ नजर आ रहा है। प्रखंड क्षेत्र के प्रभावित पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के पानी ने इस गांव में काफी तबाही मचायी। लोगों की जिंदगी को नर्क से भी बदतर बना दिया है। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए कुछ लोग सूखे स्थानों पर तो कुछ अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।
एक तो बाढ़ का कहर साथ ही ऊपर से बीच-बीच मे हो रही झमाझम बारिश और बादल गर्जना के साथ बज्रपात पीड़ितों के दर्द को दोगुना बढ़ा रहा है। मानों सारी मुसीबत एक साथ रूपौली में आन पड़ी है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव-गांव का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क बिल्कुल भंग हो चुका है। यहां आने-जाने का सिर्फ एकमात्र उपाय नाव है। ग्रामीणों की मानें तो बाढ़ग्रस्त गांव की स्थिति अभी भी काफी दयनीय बनी हुई है।
कोशी नदी के आक्रमक रूप ने प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतें को अपने आगोश में ले लिया है। बाढ़ पीड़ित प्रशासन से जितनी राहत सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं शायद उनको उतना न होने के कारण पीड़ितों में नाराजगी देखी जा रही हैं।
अंचल कार्यालय रूपौली से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित पंचायतों में विजय लालगंज, विजय मोहनपुर, भौवा परवल, कोयली सिमड़ा पूरव, कोयली सिमड़ा पश्चिम और कांप शामिल हैं। जबकि आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित पंचायतों की संख्या 8 बताई गई। जिनमें धूसर टीकापट्टी, डोभामिलिक, गोड़ियर पट्टी श्रीमाता, भिखना, लक्ष्मीपुर छर्रापट्टी, लक्ष्मीपुर गिरधर नाथपुर,सिंहपुर दियरा पंचायत शामिल हैं।
कोसी नदी के उफान से प्रखंड क्षेत्र के किसानों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल धान, मक्का और साग सब्जी आदि पूरी तरह डूबने से नष्ट हो चुकी है। जो कुछ बचने की उम्मीद जगी थी वह भी अब पुनः पानी बढ़ने से जलमग्न हो जलसमाधि लेने को आतुर दिखाई दे रही है।
प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित पंचायतो में से नो पंचायतों में अभी तक मवेशियों के लिए सूखा चारा का वितरण किया गया है। प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ मनमोहन ने बताया बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मवेशियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। इसके लिए चारा के साथ-साथ दवाई का भी वितरण किया जा रहा है।