- मॉस्को/नई दिल्ली, : दोस्त किसे कहते हैं और दोस्ती कैसे निभाई जाती है, वो दुनिया को रूस से सीखना चाहिए। पिछले 2 महीने से भारत लगातार कोरोना वायरस की वजह से मुश्किल से गुजर रहा है, ऐसे वक्त में दोस्त देश रूस ने मदद के लिए दिल का पिटारा खोल रखा है। एक बार फिर रूस ने भारत की मदद के लिए इमरजेंसी दवाओं का बहुत बड़ा खेप भारत भेजा है। जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन का बड़ा खेप शामिल है। इसके साथ ही रूस ने कई और आपातकाली मेडिकल दवाएं भारत भेजी हैं। आज रूस ने दवाओं का बड़ा खेप लेकर विमान भारत पहुंच गया है।
रूस की दोस्ती को सलाम
इमरजेंसी मेडिकल दवाएं भारत भेजने के बाद रूस ने अपने बयान में कहा है कि ‘हम लगातार मानवीय आधार पर भारत की मदद करने के लिए पूरी तरह से भारत के साथ हैं और ये साबित करता है कि हम इस विकट परिस्थिति में हमारा भारतीय नागरिकों के साथ कितना मजबूत रिश्ता है। रूस सिर्फ मेडिकल मदद ही नहीं, हर वैश्विक प्लेटफॉर्म पर भारत के साथ खड़ा है, चाहे वो डब्ल्यूएचओ हो, जी-20 सम्मेलन हो या फिर ब्रिक्स हो।’ भारत में रूस के डिप्टी राजदूत रोमन बबुश्किन ने कहा कि ‘स्पुतनिक लाइट वैक्सीन का ट्रायल भी चल रहा है, बच्चों के लिए इस वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है, और हमें यकीन है हम स्पुतनिक लाइट की सप्लाई भी जल्द से जल्द भारत में कर पाएंगे ताकि भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हो। हमारी कोशिश है कि भारत में भी स्पुतनिक लाइट का प्रोडक्शन हो क्योंकि विश्व में सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश भारत है। खासकर जब समय कम हो तो हम भारत में वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाकर तेजी से वैक्सीनेशन कर सकते हैं।’
शिड्यूल के मुताबिक वैक्सीन सप्लाई
स्पुतनिक वैक्सीन के भारत में सप्लाई को लेकर रूसी उप राजनयिक ने कहा कि ‘स्पुतनिक वैक्सीन की सप्लाई भारत में तय शर्तों और तय शिड्यूल के मुताबिक ही की जा रही है। हमें कई और भारतीय कंपनियों से स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर ऑर्डर रिक्वेस्ट मिला है, कई राज्य सरकारों ने भी वैक्सीन के लिए हमसे संपर्क किया है और हम सभी ऑर्डर पर बेहद सावधानी से ध्यान दे रहे हैं’। आपको बता दें कि भारत सरकार ने राज्य सरकारों को विदेशों से वैक्सीन खरीदने की छूट दे रखी है जिसको लेकर राज्य सरकारें भी अलग अलग वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से संपर्क कर रही हैं। वहीं, रूस में भारत के राजदूत डी बाला वेंकटेश वर्मा ने जानकारी दी है कि इसी महीने, यानी मई के आखिर तक स्पुतनिक- वी की 30 लाख डोज रूस से भारत पहुंच जाएंगी। वहीं जून में डोज की संख्या और बढ़ा दी जाएगी।