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रेलवे का एनाउंसमेंट सिस्टम, कोच गाइडेंस और क्लाक रूम की जिम्मेदारी अब निजी कंपनियों के हवाले


गोरखपुर, । गोरखपुर सहित लखनऊ मंडल के नौ रेलवे स्टेशनों के पूछताछ काउंटर, एनाउंसमेंट सिस्टम, डिस्प्ले बोर्ड, कोच गाइडेंस और क्लाक रूम (अमानती सामान घर) की जिम्मेदारी निजी हाथों में होगी। रेलवे प्रशासन ने काउंटरों और कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए निजी कंपनी को नामित कर दिया है। कर्मचारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। एक अगस्त से संबंधित काउंटरों पर प्राइवेटकर्मी बैठने लगेंगे।

प्रशिक्षित किए जा रहे प्राइवेट कर्मी, पहले से ही आउटसोर्स से हो रहा वेटिंग हाल का रखरखाव

गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित वेटिंग हाल के रखरखाव की जिम्मेदारी पहले ही निजी फर्म को सौंपी जा चुकी है। अब पूछताछ काउंटरों और क्लाक रूम की बारी है। फिलहाल, लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर के अलावा लखनऊ जंक्शन, बादशाहनगर, ऐशबाग, सीतापुर, मनकापुर, गोंडा, बस्ती और खलीलाबाद में एक अगस्त से नई व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यहां जान लें कि अभी तक इन कार्यस्थलों पर रेलकर्मी ही तैनात होते रहे हैं। लेकिन लगातार हो रहे पद सरेंडर और खर्चों में कटौती के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन स्टेशन के परिचालन से संबंधित महत्वपूर्ण को छोड़कर साफ-सफाई से लगायत शेष लगभग सभी कार्यों को आउटसोर्स से कराने लगा है। जानकारों के अनुसार आउटसोर्सिंग बढ़ने से रेलवे के खर्चों में कमी आई है। भले ही कार्यों की निगरानी रेलवे के अधिकारी कर रहे हैं लेकिन हरपल संरक्षा प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है।

मैकेनिक के लिए बर्थ और विश्रामालय की व्यवस्था नहीं होने से रोष

ट्रेनों में चलने वाले एसी मैकेनिक के लिए बर्थ और विश्रामालय की व्यवस्था नहीं होने पर कर्मचारियों में रोष है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर से मिलकर एसी मैकेनिक के लिए ट्रेनों में बर्थ और स्टेशनों पर विश्रामालय की व्यवस्था कराने की मांग की। संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय ने कहा कि एसी मैकेनिक को ट्रेन में बैठने तक की जगह नहीं मिलती है। गंतव्य पर पहुंचने के बाद भी वे कोच में ही रह जाते हैं। न उनके विश्राम की व्यवस्था रहती है और न भोजन की। इसको लेकर कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इस मौके पर संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।