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लाल किलेमें उपद्रव निंदनीय-राष्ट्रपति


संसदके संयुक्त सत्र को किया संबोधित
नयी दिल्ली ( आससे.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर हुए उपद्रव की निंदा की। कोविंद ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे का अपमान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी, इस दौरान दिल्ली में जमकर हिंसा हुई थी। इसी बीच लाल किले पर हजारों प्रदर्शनकारी घुसे, वहां पर तोडफ़ोड़ की। इतना ही नहीं लाल किले के प्राचीर पर निशान साहिब का झंडा फहराया गया, जिसकी काफी निंदा की गयी।इसी मसले पर दिल्ली पुलिस की ओर से केस भी दर्ज किया गया है और एक्शन जारी है। दिल्ली पुलिस ने लाल किले हिंसा और ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में बीस से अधिक किसान नेताओं पर केस दर्ज किया है। पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में नये कृषि कानून और उनके खिलाफ जारी आंदोलन का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में कृषि कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है, मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नये कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गयी है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नयी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नये अधिार भी दिए हैं।राष्टï्रपति ने कहा कि जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है।केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक सम्पन्न हुई है। अब लद्दाख के लोग स्वयं, अपने प्रदेश के विकास से जुड़े निर्णय और तेजी से ले रहे हैं। आयुष्मान भारत – सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है।मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं। बड़ी संख्या में मतदाताओं की भागीदारी ने दर्शाया है कि जम्मू कश्मीर नये लोकतांत्रिक भविष्य की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ चला है। प्रदेश के लोगों को नये अधिकार मिलने से उनका सशक्तीकरण हुआ।