नई दिल्ली, । लोकसभा से निलंबित होने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच अधीर रंजन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर निलंबन वापस नहीं हुआ तो जरूरत पड़ने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान अधीर रंजन को गलत आचरण के चलते लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था।
अविश्वास प्रस्ताव लाने को मजबूर किया गयाः अधीर रंजन
अधीर रंजन ने कहा,
हमने संसद में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की थी। हम चाहते थे कि संसद चले। जब हमारी बात नहीं सुनी गई, तो हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने का अंतिम उपाय करना पड़ा कि प्रधानमंत्री संसद में बोलें। जब अविश्वास पर बहस लंबित रही तो भाजपा संसद में विधेयक पारित करते रहे। विपक्ष को कई विधेयकों पर अपनी राय रखने का मौका नहीं मिला।
वर्ष 1978 का दिया उदाहरण
कांग्रेस नेता ने कहा कि साल 1978 में भी सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और उसी दिन प्रस्ताव पर चर्चा भी शुरू हो गई थी। नतीजा ये निकला कि सदन सुचारू रूप से चला।
‘चांद-चीता पर मोदी बोलते हैं, लेकिन मणिपुर पर नहीं बोलते’
अधीर रंजन ने कहा कि PM मोदी चांद से लेकर चीता तक पर बात करते हैं, लेकिन मणिपुर के मुद्दे विपक्ष की मांग के बावजूद बयान नहीं दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष को लगा था कि वे मणिपुर पर भी बोलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विपक्ष सदन में ये गुहार लगाता रहा कि मणिपुर में हालात गंभीर होते जा रहे हैं, PM मोदी सदन में आकर अपनी बात रखें।
अधीर ने कहा कि PM मोदी मणिपुर मुद्दे पर हमारी बात लगातार टालते रहे और फिर हम आखिरी विकल्प के रूप में अविश्वास प्रस्ताव लाए। जिस कारण PM ने सदन में आकर बात रखी।