नयी दिल्ली(हि.स.)। भारतीय वायुसेना को जल्द ही मीडियम रेंज की सर्फेस टू एयर मिसाइल मिलने वाली है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की हैदराबाद के कंचनबाग स्थित यूनिट से मंगलवार को इस एमआरएसएएम मिसाइल की पहली फायरिंग यूनिट को हरी झंडी दिखाई गई। मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल को दुश्मन के विमान, निर्देशित बम, हेलीकॉप्टर और मिसाइल को बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है। वायुसेना को मिलने वाली इस मिसाइल में अन्य के मुकाबले अलग तरह की खासियत है। उच्च और त्वरित प्रतिक्रिया देने वाली लंबवत रूप से लॉन्च की गई सुपरसोनिक मिसाइल के लिए बीडीएल को इससे पहले भारतीय नौसेना ने भी ऑर्डर दिया था, जिसे पूरा किये जाने के बाद अब थल सेना और वायु सेना के लिए एमआरएसएएम मिसाइल तैयार की गई है। तीनों सेनाओं के लिए बनाई गईं मिसाइलें अलग-अलग वेरिएंट की हैं लेकिन इसकी रेंज 70 किलोमीटर तक है। शेष यह मिसाइल लड़ाकू विमान, सबसोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल समेत किसी भी तरह के हवाई खतरे से निपटने में सक्षम है। इसे पूरी तरह देश में ही बने ड्युअल-पल्स रॉकेट मोटर और ड्युअल कंट्रोल सिस्टम से तैयार किया गया है। अत्याधुनिक हथियार सिस्टम के साथ इसमें एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी भी है ताकि किसी भी तरह के लक्ष्य को पहचानकर उसे ट्रैक करके निशाना बना सके। बीडीएल ने आकाश मिसाइलों के लिए किया करार भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने अब विदेशों में हवा से हवा में मारने वाली मिसाइलें, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, अंडरवॉटर वेपन्स और काउंटर मेजर सिस्टम सप्लाई करने का लक्ष्य रखा है। हाल ही में बीडीएल ने भारतीय वायु सेना को आकाश मिसाइलों के निर्माण और आपूर्ति के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ लगभग 499 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अनुबंध पर वायु सेना की ओर से एयर कमोडोर अजय सिंघल और बीडीएल की ओर से कार्यकारी निदेशक (विपणन) कमोडोर टीएन कौल (सेवानिवृत्त) ने हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय वायुसेना को आकाश की सप्लाई के लिए करार के साथ कंपनी के पास कुल 8683 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं। बीडीएल के सीएमडी कमोडोर सिद्धार्थ मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि बीडीएल भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को आकाश मिसाइलों की आपूर्ति कर रहा है। बीडीएल की आकाश वायु रक्षा हथियार प्रणाली स्वदेशी रूप से विकसित और सभी मौसम में काम करने वाली है। यह हथियार प्रणाली उच्च विस्फोटक पूर्व-खंडित वारहेड का उपयोग करती है जो एक साथ कई खतरों को शामिल कर सकता है। भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना दोनों के लिए बीडीएल द्वारा आईजीएमडीपी के तहत निर्मित आकाश मिसाइल का कई मौकों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है और इसे अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ मिसाइलों में से एक माना जाता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी विदेशों में आकाश मिसाइलों का निर्यात करने के लिए ग्राहकों की तलाश कर रही है। हालांकि मिसाइल की खरीद में रुचि व्यक्त करने वाले कुछ देशों से पहले ही बीडीएल को निर्यात लीड प्राप्त हो चुकी है। कंपनी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल,एयर टू एयर मिसाइल, एयर टू सरफेस वेपन, लॉन्चर, टेस्ट इक्विपमेन भी बनाती है। कंपनी को वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 2803 करोड़ रुपये (करों सहित) के नए ऑर्डर मिले हैं, जिसमें लगभग 1820 करोड़ रुपये के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ऑर्डर और लगभग 793 करोड़ रुपये के सरफेस टू एयर मिसाइल ऑर्डर शामिल हैं। कंपनी मित्र देशों को आकाश मिसाइलों के अलावा एयर मिसाइल, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, अंडरवाटर हथियार और काउंटर मेजर सिस्टम की पेशकश करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने कदम बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है।