रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। राज्य सरकार चाहे लाख दावा कर ले किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा वर्तमान में कोसों दूर नजर आ रही है। विकास की ढ़िंढ़ोरा पीटने भर ही विकास कही जा सकती है जबकि सरकारी तंत्र की कार्य नीति उसे खोखला साबित करने पर आमदा हो टूट पड़ी है। यह वाक्या रूपौली प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण सड़कों के निर्माणाधीन सड़कों पर सटीक बैठती है।
बता दें कि रूपौली प्रखंड क्षेत्र के डोभा मिलिक पंचायत स्थित महर्षि नगर चौक से छर्रापट्टी मोड़ तक 1 करोड़ 14 लाख रूपए की लागत से 1.600 किलोमीटर दूरी की बननेवाली निर्माणाधीन मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना अन्तर्गत कीचड़मय ग्रामीण सड़क खुद हाल बयां कर रही है। इसका निर्माण कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग पथ प्रमंडल धमदाहा के अधीन किया जाना है। यह निर्माणाधीन सड़क यहां के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर कर अपने हाल पर जीने को विवश कर रखा है।
स्थानीय डोभा महर्षि नगर के ग्रामीणों में जटाधर मंडल, उत्तम कुमार, सुरेश मंडल, पप्पू मंडल, शम्भू शर्मा, अशोक मंडल रामदेव ठाकुर सहित दर्जनों लोगों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि आज से डेढ़ वर्ष पूर्व जब सड़क का शिलान्यास और कार्य शुरू किया गया था तो आस जगी थी कि अब हमलोगों को नारकीय स्थिति से निजात मिलेगी। किन्तु इस सड़क निर्माण कार्य की जिम्मेदारी लिए संवेदक ने सिर्फ तीन पुलियों का निर्माण और मिट्टी भराई कर कार्य को बंद कर दिया। जो आसमान से गिरा, खजूर पर अटका वाली कहावत चरितार्थ हो गई। वर्तमान में सड़क की स्थिति धान का बिचड़ा रोपने के लिए उत्तम बन कर रह गया है।
सड़क निर्माण कार्य अवरुद्ध के सम्बन्ध में कनीय अभियंता रवि कुमार ने बताया कि स्टीमेट रीवाईजिंग के लिए भेजा गया था। जो प्राप्त हो चुका है यथाशीघ्र निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।