पटना

गया: घायल दो सगे भाइयों की जान बचाने के लिए नर्सों ने उतारा दुपट्टा


गया। कोरोना त्रासदी के समय  रिश्ते-नातों के तार-तार होने के कई किस्से हमने देखे-सुने हैं। परन्तु ऐसे समय में ही मानवता की मिसाल पेश करती हुई कई कहानियां भी हमारे सामने आई हैं। बिहार के गया से एक ऐसा ही उदाहरण हमारे सामने आया है जो न सिर्फ सभ्य समाज में मानवीय मूल्यों के जिंदा होने के सबूत हैं बल्कि ऐसे लोगों को आईना भी दिखाती हैं जो कोरोना संकट के समय अपनों को भी पहचानने से इनकार कर जाते हैं। 5 महिलाओं ने सड़क हादसे के बाद तड़प रहे दो भाइयों को शरीर से निकल रहे खून को रोकने के लिए अपने दुपट्टे से लपेटा फिर एंबुलेंस को फोन कर अस्पताल पहुंचाया। उनके ऐसा करने से ही समय रहते दोनों भाइयों की जान बचाई जा सकी। उनके इस पुनीत कार्य में एक राहगीर ने भी दिलेरी से साथ दिया जिसकी सराहना हो रही है।

मामले के बारे में बताया जा रहा है कि गया-परैया सड़क स्थित सरबदीपुर टांड़ पर गुरुवार शाम को गया की तरफ से आ रही एक कार ने सामने से आ रही बाइक में जोरदार टक्‍कर मार दी। टक्‍कर इतनी तेज थी कि बाइक सवार दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। खून से लथपथ होकर वे दर्द से कराहने लगे। हादसा उधर से गुजर रहीं एएनएम अनिता कुमारी, सुनीता कुमारी, रंजना कुमारी, विभा कुमारी व डाटा ऑपरेटर प्रियंका कुमारी के सामने हुआ। ऐसे में दर्द से कराहते दोनों युवकों को देख उनसे रहा नहीं गया। वे समझ गईं कि जल्‍द प्राथमिक उपचार नहीं मिला तो उनकी जान जा सकती है। सभी ने मिलकर दोनों भाइयों को तत्काल सड़क पर ही प्राथमिक उपचार करना शुरू किया।

उपचार के क्रम एक एएनएम ने दोनों को गोद में उठाया इसके बाद वे ब्लीडिंग और उनका दर्द कम करने के प्रयास में जुट गए। हालांकि प्राथमिक उपचार के दौरान शरीर से लगातार खून निकल रहा था। ज्यादा खून बहने की स्थिति में जान जाने का खतरा था। बहते खून को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन खून इतनी तेजी से निकल रहा था कि रोक पाना असंभव लग रहा था। तभी एक एएनएम ने अपना दुपट्टा निकाल कर पेट से निकल रहे खून वाली जगह को लपेट दिया। जिसके बाद खून निकलना थोड़ा कम हुआ। फिर जितना संभव हो सका उनका प्राथमिक उपचार सड़क पर ही किया।

इसके साथ ही स्थानीय अस्पताल में तत्काल एंबुलेंस भेजने के लिए स्थानीय चिकित्सा अधिकारी को फोन किया। तत्काल अस्पताल से एंबुलेंस व थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और दोनों को एंबुलेंस से गया अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। नर्सों को देख एक अन्य राहगीर ने भी साथ दिया और उसकी मदद से  एंबुलेंस पर रखकर अस्पताल पहुंचाया गया। दोनों युवक अब खतरे से बाहर हैं।

घायल युवकों की पहचान गुरारू के कोरमथू निवासी सुरेश राम के दोनों पुत्र विपिन कुमार व रिशु कुमार के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि दोनों गया अपने ससुराल जा रहे थे। एएनएम की निशानदेही पर टक्कर मारने वाले चार पहिया वाहन की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है। आज के दौर में जब अपने भी जब जरूरत पर मुंह मोड़ लेते हैं ऐसे में पांचों महिलाओं की मानवतावादी सोच की हर लोग प्रशंसा कर  रहे हैं।