नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा पेश की। एक अप्रैल 2021 को पेश किये जाने वाले बजट से पहले संसद के पटल पर रखी गयी समीक्षा में अर्थव्यवस्था की स्थिति की विस्तार से जानकारी दी गयी है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमणियम की अगुवाई वाली टीम ने 2020-21 की आर्थिक समीक्षा तैयार की है। इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी दिये जाने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये आगे किये जाने वाले सुधारों के बारे में सुझाव दिये गये हैं।
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से पुनरूद्धार की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
पूरे वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण पिछले एक साल की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट होती है, जिसमें अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख चुनौतियों और उनसे निपटने का जिक्र होता है। आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में इस दस्तावेज को तैयार किया जाता है।
1950-51 में पेश किया गया था पहला आर्थिक सर्वेक्षण
जब एक बार दस्तावेज तैयार हो जाता है तो उसे वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है। पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। बजट के समय ही इस दस्तावेज को पेश किया जाता है।1964 से वित्त मंत्रालय बजट से एक दिन पहले सर्वेक्षण जारी करता आ रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व यही है कि यह देश की आर्थिक स्थिति को दिखाता है। आर्थिक सर्वेक्षण पैसे की आपूर्ति, बुनियादी ढांचे, कृषि और औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, कीमतों, निर्यात, आयात, विदेशी मुद्रा भंडार के साथ-साथ अन्य प्रांसगिक आर्तिक कारकों का विश्लेषण करता है।
यह दस्तावेज सरकार का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो अर्थव्यवस्था की प्रमुख चिंताओं पर भी ध्यान केंद्रित करता है। आर्थिक सर्वेक्षण का डाटा और विश्लेषण आमतौर पर केंद्रीय बजट के लिए एक नीतिगत दृष्टिकोण प्रदान करता है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2021 से क्या उम्मीदें हैं?
इस बार कोरोना महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। सर्वेक्षण से यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है। सर्वेक्षण में वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों पर विचार करने और समाधानों की पेशकश करने की अपेक्षा की गई है, जो देश को 5 ट्रिलियन डॉलर लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करेगा। लोगों का मानना है कि आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर बजट तैयार होता है, लेकिन वास्तव में आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार है। इसमें प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार की राय शामिल होती है। ऐसा जरूरी नहीं कि आर्थिक सर्वेक्षण की बातें बजट में हों।
दो भागों में बांटा गया बजट सत्र
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया था कि इस बार का बजट दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। पहला सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा सत्र 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। सभी सांसदों को कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य रहेगा।
23 जनवरी को हुई थी हलवा सेरेमनी
वित्त मंत्रालय द्वारा 23 जनवरी को हलवा सेरेमनी आयोजित की गई थी। जिसमें बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी लोग हिस्सा लिया। इस हलवा सेरेमनी के बाद बजट से जुड़े अधिकारी दस दिनों तक नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में रहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जबतक बजट संसद में पेश नहीं हो जाता उन्हें बाहर की दुनिया से अलग रखा जाता है। ऐसा इसलिए होता है ताकि बजट की गोपनीयता बनी रहे।