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विदेशी राजनयिकों ने कश्मीर निहारा, भारत ने पाकिस्तान का दुष्प्रचार नकारा


जम्मू। हाल ही में विदेशी राजनयिकों (Foreign Diplomats) का दल जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) दौरे पर आया था। आपको बता दें कि 18 महीने में जम्मू-कश्मीर में विदेशी राजनयिकों के दल की यह तीसरी यात्रा थी। हालांकि विपक्ष के कुछ लोगों ने धारा-370 को निष्प्रभावी और 35A को जम्मू कश्मीर हटाने और फिर विदेशी राजनयिकों को कश्मीर (Foreign Diplomats Kashmir Visit) बुलाने की आलोचना की थी, लेकिन दरअसल केंद्र सरकार (Central Government) इस रणनीति के सहारा पाकिस्तान को एक्सपोज करने के लिए कर रही है। पाकिस्तान लगातार कहता रहता है कि कश्मीर (Kashmir) में लोगों पर जुल्म ढहाए जा रहे हैं और मानवाधिकारों का उल्लंघन (Human Rights Violations) हो रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा 18 महीने में तीसरी बार विदेशी राजनियकों का कश्मीर दौरा बताता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह से पाकिस्तान (Pakistan) को घेरना चाहता है।

आपको बता दें कि हाल ही में 24 देशों के राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। राजनयिकों के इस दल ने जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों व जमीनी हालातों का जायजा लिया है। अब विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस बाबत बयान जारी किया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि विदेशी राजनयिकों ने श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स हेडक्वार्टर का दौरा किया। विदेशी राजनयिकों के दल को जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थितियों के बारे में जानकारी दी गई है। इसके जम्मू-कश्मीर में बाहरी खतरों के बारे में भी उन्हें अवगत करवाया गया है। ऐसे में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन को लेकर चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान की भी पोल खुल गई है। विदेशी राजनयिकों को दौर में बताया गया कि पाकिस्तान कैसे सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

क्या बोले इरीट्रिया के राजदूत

विदेशी राजनयिकों के दल में शामिल इरीट्रिया के राजदूत एलेम शाव्ये (Eritrean Ambassador Elem Shawye) ने भी इस दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। इस मुलाकात में इरीट्रिया के राजदूत एलेम शाव्ये ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में बदलाव दिखाई देता है। एलेम शाव्ये ने अपने दौरे के बाद कहा था कि जम्मू-कश्मीर का दौरा आंखें खोलने वाला रहा। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर समझ का विकास हुआ।