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विदेशों से नोएडा आएगा 1 लाख करोड़ का निवेश


सिंगापुर, सिडनी और ब्राजील की बड़ी कंपनियां नोएडा में निवेश करे। इसकी तैयारी शुरू की गई है। शासन की ओर से जो प्रतिनिधिमंडल इन देशों को जाएगा। उसमे नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी और दोनों प्राधिकरण के एसीईओ स्तर के अधिकारी भी होंगे।

ये वहां विभिन्न कंपनियों के सीईओ और डेलिगेशन के मिलेंगे और नोएडा और ग्रेटर नोएडा का रोड मैप प्रस्तुत करेंगे। साथ ही निवेश के बेहतर अवसर के लिए उन्हें आमंत्रित करेंगे। कयास लगाए जा रहे है इस पहल का असर देखने को मिलेगा। सीईओ 9 दिसंबर को सिंगापुर जाएंगी और अन्य देश होते हुए 19 दिसंबर को नोएडा वापस आएंगी।

बता दे फरवरी 2023 में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है। जिसके जरिए यूपी को वैश्विक निवेश केंद्र बनाया जाना है। दस खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के लिए सरकार प्रदेश को ब्रांड यूपी के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए इस बार का जो लक्ष्य प्रदेश सरकार की ओर से रखा गया था वो करीब 10 लाख करोड़ का है। हालांकि अब इसे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

यही वजह है नोएडा प्राधिकरण को पहले 60 हजार करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था। इसमें 40 हजार करोड़ रुपए के निवेश को और बढ़ा दिया गया है। माना जा रहा है कि यमुना और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का लक्ष्य भी बढ़ाया जाएगा। यानी अकेले गौतमबुद्धनगर से करीब 3 लाख करोड़ रुपए के निवेश होने की संभावना है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने एमओयू साइन भी किए है।

सीईओ ने बताया कि अभी तक 22 हजार करोड़ के एमओयू हो चुके हैं, बाकी लक्ष्य को जल्द पा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा व्यवसायिक संपत्ति के लिए करीब 11 हजार करोड़ के एमओयू हुए हैं। हाल ही में सेक्टर-94 में एमसीएम से 55 हजार वर्ग मीटर जमीन के लिए एमओयू हुआ है। यह कंपनी सात हजार करोड़ का निवेश करेगी। इसके अलावा ऐसी कंपनियां कही ज्यादा है जो अपना विस्तार करने का मन बना रही है।

इनसे बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस निवेश से 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। जिनके लिए यहां आवासीय और ग्रुप हाउसिंग सुविधा में भी निवेश को बढ़ाया जाएगा। बता ते वर्तमान में नोएडा में अडाणी, माइक्रोसॉफ्ट, यूफलेक्स, वेब वर्क जैसी कंपनियां अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।