गुवाहाटी,। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ यानी पड़ोस प्रथम नीतियों के एक साथ आने से भारत के लिए दक्षिण पूर्व एशिया की सीमाओं से परे भी व्यापक प्रभाव होगा। विदेश मंत्री जयशंकर यहां ‘नेचुरल अलाइज इन डेवलपमेंट एंड इंटरडिपेंडेंस’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इसका अहसास बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बिम्सटेक की क्षमता से स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के जरिये भूमि संपर्क और बांग्लादेश के रास्ते समुद्री संपर्क वियतनाम और फिलीपींस के लिए सभी रास्ते खोल देगा।
जयशंकर ने कहा, ‘एक बार जब यह व्यावसायिक स्तर पर व्यवहार्य हो जाएगा तो यह महाद्वीप के लिए व्यापक परिणामों के साथ एक पूर्व-पश्चिम पहलू का निर्माण करेगा।’
उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ आसियान देशों और जापान के साथ साझेदारी का निर्माण करेगा, बल्कि यह निर्माणाधीन हिंद प्रशांत आर्थिक ढांचे में भी वास्तविक फर्क लाएगा।
जयशंकर ने कहा कि अगर हम राजनीति और अर्थनीति को सही कर सके तो निश्चित रूप से हम भौगोलिक स्थिति पर पार लेंगे और नया इतिहास लिखेंगे। उन्होंने कहा कि आसियान देशों और उससे आगे तक पहुंच में सुधार के लिए बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार के साथ संपर्क बढ़ाकर इस दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक साकार किया जा सकता है।