Post Views: 362 डा. सुशील कुमार सिंह जुलाई २०१९ में राज्यसभामें एक प्रश्नके जवाबमें जब स्वराष्टï्र मंत्रालयने कहा कि देशद्रोहके अपराधसे निबटनेवाले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानको खत्म करनेका कोई प्रस्ताव नहीं है तब इसके खात्मेंकी बाट जोहनेवालोंको नाउम्मीदी मिली थी। सरकारने यह भी कहा कि राष्टï्रविरोधी तथ्योंका प्रभावी ढंगसे मुकाबला करनेके लिए प्रावधानको […]
Post Views: 942 विष्णुगुप्त चीनमें जनताकी सहभागिता होती ही नहीं है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती नहीं है। मानवाधिकार की बात करने वाले लोग मार दिये जाते है या फिर अनंतकालतक जेलोंमें डाल दिये जाते हैं। वहांकी जेलें घोर अमानवीय होती हैं। एक रिपोर्टमें कहा गया है कि चीन उईगर मुसलमानोंका जनसांख्यिकीय नरसंहार कर रहा है। […]
Post Views: 528 आर.डी. सत्येन्द्र कुमार महाशक्तियोंके बीचके सम्बन्ध अन्तर्विरोधसे भरपूर होते हैं। अभी वह सहयोग दर्शाता है तो कुछ ही समय बाद वह संघर्षकी मौजूदगीकी तस्वीर पेश करता है। कुल मिलाकर उनके सम्बन्ध अस्थिरता प्रदर्शित करते हैं। बाइडेनके नेतृत्वमें अमेरिका एवं पुतिनके नेतृत्वमें रूस एक अरसेसे इसी अस्थिर स्थितिको प्रदर्शित करते रहे हैं। एक […]