Post Views: 679 हृदयनारायण दीक्षित विश्व कर्मप्रधान है। तुलसीदासने भी लिखा है कर्म प्रधान विश्व रचि राखा। सत्कर्मकी प्रशंसा और अपकर्मकी निन्दा समाजका स्वभाव है। लोकमंगलसे जुड़े कर्मोकी प्रशंसासे समाजका हितसंवद्र्धन होता है। प्रशंसाका प्रभाव प्रशंसित व्यक्तिपर भी पड़ता है। वह लोकहित साधनामें पहले से और भी ज्यादा सक्रिय होता है। समाज प्रशंसनीय व्यक्तिका अनुसरण […]
Post Views: 706 चिन्ता जताते हुए सुप्रीम कोर्टने कहा है कि इस अभूतपूर्व महामारीसे पूरा विश्व युद्ध लड़ रहा है। यह कोरोनाके खिलाफ विश्वयुद्ध है। साथ ही कोर्टने यह भी कहा है कि इसमें सस्ता यानी वहन करने योग्य इलाज अति आवश्यक है। यह सही है कि कोरोना संक्रमण जंगलमें आगकी तरह फैला विश्व एवं […]
Post Views: 343 डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा डेमोग्राफिक टाइम बमका बड़ा कारण देशोंमें कामधंधा करनेवाले युवाओंके अनुपातमें बुजुर्गोंकी आबादी अधिक होना है। किसी भी देशमें जीवन आयु बढऩा एक अच्छा संकेत माना जा सकता है परन्तु जिस तरहकी इन देशोंमें जनसंख्या नियंत्रणकी नीतियां चल रही है या चलायी गयी थी उसका परिणाम यह है कि […]