Post Views: 481 हृदयनारायण दीक्षित मनोनुकूल वक्तव्य प्रिय लगते हैं। हम सब वरिष्ठोंके वक्तव्य सुनते हैं। वक्ता कभी-कभी हमारे मनकी बात भी कहते हैं। वक्ता मूलत: अपने मनकी बात करते हैं लेकिन उसके मनकी बात हमारे मनसे मिलती है। हम प्रसन्न होते हैं। हम मनोनुकूल वक्तव्य सुनकर ही वक्तासे प्रभावित होते हैं। दूसरेसे प्रभावित होनेका […]
Post Views: 691 डा. रमेश ठाकुर कश्मीरमें बड़ा करनेसे पहले घाटीके नेताओंके साथ प्रधान मंत्री द्वारा बैठक करना एक प्रयोग मात्र था, फिलहाल हाई प्रोफाइल इस बैठकसे दो बातें स्पष्ट हुईं। बैठकके जरिये प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीने घाटीके विभिन्न दलोंके प्रमुख नेताओंका मन टटोला और यह जाना कि ३७० के बाद जम्मू-कश्मीरके विकास और आवामकी […]
Post Views: 495 डा. श्रीनाथ सहाय कोरोना की दो लहरोंके बीच जनसंख्या समस्या बनकर सामने आई। अस्पतालोंमें बिस्तरोंकी संख्याके अलावा टीकाकरण अभियानमें भी उसके कारण अनेक दिक्कतें आ रही हैं। बीते एक-डेढ़ दशकमें परिवार नियोजनका अभियान पूरी तरहसे उपेक्षित था। भले ही सरकारी आंकड़ोंमें उसे जीवित रखा गया हो लेकिन जमीनी सचाई यह है कि […]