पटना

विश्वविद्यालयों में भी महिला कर्मियों को शिशु देखभाल अवकाश मिलेगा


शिक्षा मंत्री की विस में घोषणा: मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना के लंबित आवेदनों का निबटारा शीघ्र, नीति आयोग के डाटा कलेक्शन प्रक्रिया में संशोधन करने का प्रस्ताव केंद्र को जल्द

(आज समाचार सेवा)

पटना। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि विश्वविद्यालयों में भी महिला कर्मियों को अन्य सेवाओं, संवर्गों के तर्ज पर शिशु देखभाल का लाभ देगी। इसके लिए सरकार जल्द ही विश्वविद्यालयों को निर्देश देगी। वहीं स्नातक स्तरीय शिक्षा में मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन के लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करायेगी तथा सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा। नीति आयोग का डाटा कलेक्शन की प्रक्रिया दोषपूर्ण है। इसमें सेशोधन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भाजपा के जनक सिंह के अल्पसूचित सवाल के जवाब में सदन को बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने २०१५ में ही सभी राज्य कर्मियों को ७३० दिन का शिशु देखभाल अवकाश दिया जायेगा। यह लाभ पूरे सेवा काल में दो बच्चों की देखभाल के लिए देने का प्रावधान है। यूजीसी स्वायत्त संस्था है। सरकार इस मामले की समीक्षा कर शिशु देखभाल अवकाश का निर्देश देगी।

अली अशरफ सिद्दीकी के अल्पसूचित सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री कन्या प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष २०१८-१९ में १६८०२ तथा वर्ष २०१९-२० में ५१९०० छात्राओं को इस योजना का लाभ दिया गया है। पिछले एक-दो वर्ष से कोरोना काल के कारण प्रात्साहन योजना के भुगतान की प्रक्रिया स्थगित है। यह सरकार की प्राथमिकता वाली योजना है। उन्होंनं कहा कि अभी तक १.०५ लाख छात्राओं को भुगतान किया जा चुका है।

हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस बात पर चिंता जाहिर की आखिर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने में विलंब क्यों हो रहा है। भाई वीरेंद्र के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी। पद सृजन को लेकर प्रशासी पदवर्ग समिति से स्वीकृति मिल चुकी है। अब सरकार के स्तर पर स्वीकृति की प्रक्रिया लंबित है उसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा।

राजद के ललित कुमार यादव के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति कटिवद्घ है। सरकार शिक्षा में सुधार को लेकर सरकार सतत प्रयत्नशील है। सरकार किसी हकीकत या सच्चाई को छिपाना नहीं चाहती है। नीति आयोग के डाटा कलेक्शन की जो प्रक्रिया है वह ठीक नहीं है।

उसमें संशोधन के लिए जल्द प्रस्ताव केंद्र को भेजा जायेगा। हम विकसित व विकासशील राज्य के साथ तुलना नहीं कर सकते, हम कहां खड़े हैं वह महत्वपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए आखिर हम पिछड़ क्यों रहे। इसका कारण बताना चाहिए।