वाराणसी

विश्व के समस्त दर्शन रामायण में समाहित है-डॉक्टर नीलकंठ तिवारी


“राम के शिव और शिव के राम” विषयक संगोष्ठी सम्पन्न

वाराणसी। अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उ०प्र० द्वारा आयोजित रामायण कान्क्लेव के अन्तर्गत राम के शिव और शिव के राम विषयक संगोष्ठी, सम्मान समारोह, राम की विश्वयात्रा विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विशाल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ नीलकंठ तिवारी, मा० राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, प्रोटोकॉल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। संगोष्ठी में प्रोफेसर श्रीनिवासन पाण्डेय श्री हरि राम द्विवेदी, डॉ हरेराम त्रिपाठी, कुलपति, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, महन्त मिथिलेश नन्दिनी ने अपना विचार व्यक्त किया।
मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने कहा कि रामायण भारतीय संस्कृति की आत्मा का ग्रन्थ है। दुनिया के समस्त दर्शन इसमें समाहित है। सम्मान समारोह में सुबह एक बनारस के आयोजन में प्रतिभागी एक हजार कलाकारों का सम्मान किया गया। तदोपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम में पंडित सुखदेव मिश्र का ताल वाद्य पंणित साजन मिश्र व तृप्ति शाक्य का गायन, पंणित माता प्रसाद मिश्र व पंणित रविशंकर मिश्र का नृत्य तथा राहुल मुखर्जी की नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई। अतिथियों का स्वागत डॉ लवकुश द्विवेदी, निदेशक अयोध्या शोध संस्थान, धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुभाष चन्द्र यादव क्षेत्रीय पुरातत्त्व अधिकारी ने तथा संचालन सुश्री रंजना त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर गुरुधाम मंदिर परिसर में निर्मित 125 फीट लम्बी पेन्टिग मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।