- जिनेवा (यूएन)। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन की सिनोवैक बायोटैक की बनाई कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूर की गई चीन की बनाई ये दूसरी वैक्सीन है। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन की सिनोफार्म वैक्सीन मंजूरी दी थी। विशेषज्ञों ने इस टीके को 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यस्कों को लगाने की सिफारिश की है। इस वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी। इसकी पहली और दूसरी खुराक के बीच चार सप्ताह का अंतर रखा जाएगा। कहा ये भी गया है कि ये वैक्सीन जितनी व्यस्कों पर लाभकारी है उतनी ही बुजुर्गों पर भी कारगर है।
इस वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में वैज्ञानिकों ने इसको वायरस पर 51 से 84 फीसद तक कारगर पाया है। इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 मई को जानकारी देते हुए कहा था कि उनके यहां पर इस वैक्सीन को 1 लाख 20 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया था। सिनोवैक की खुराक दिए जाने के बाद उन्होंने इसको 94 फीसद तक कारगर पाया है। सिनोवैक के मुताबिक उसने मई तक इस वैक्सीन की देश और विदेश में करीब 60 करोड़ टीकों की आपूर्ति की है।
गौरतलब है कि चीन अपनी वैक्सीन के जरिए डिप्लोमेसी भी चल रहा है। चीन ने कई देशों में अपनी वैक्सीन को बेचा भी है और मदद के तौर पर दिया भी है। पाकिस्तान का पूरा टीकाकरण चीन की वैक्सीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के गावी के तहत चलाए जा रही कोवैक्स योजना पर ही चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक चीन में 1 जून तक कोरोना संक्रमण के कुल मामले 111,525 थे। वहीं अब तक यहां पर 4,970 की जान इस वायरस की चपेट में आकर जा चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक चीन में 13 मई 2021 तक कोरोना वैक्सीन की कुल 388,313,603 खुराक दी जा चुकी है।