पटना

शिक्षकों के हाथों में फिर से दिखने लगा ‘पाठ टीका’


स्कूलों की मॉनीटरिंग से जुड़े लैब वर्क, तो खुलने लगीं प्रयोगशालाएं

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। स्कूलों में अब इस बात की भी मॉनीटरिंग शुरू हो गयी है कि कितने शिक्षक ‘पाठ टीका’ से पढ़ा रहे हैं? मॉनीटरिंग से लैब वर्क को भी जोड़ा गया है। इससे प्रायोगिक कक्षाओं के संचालन की भी मॉनीटरिंग शुरू हो गयी है।

पाठ टीका और लैब वर्क को मॉनीटरिंग से जोड़ कर अब सरकारी स्कूलों से रिपोर्ट ली जा रही है। पाठ टीका को प्राइमरी से लेकर प्लस-टू स्कूलों तक की मॉनीटरिंग से जोड़ा गया है। इससे इतर लैब वर्क को हाई एवं प्लस-टू स्कूलों की मॉनीटरिंग से जोड़ा गया है। स्कूलों की मॉनीटरिंग में पाठ टीका और लैब वर्क को जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने शामिल किया है। यह प्रावधान पहली अक्तूबर से ही जिले में लागू हो गया है। उस दिन से नये प्रावधान के तहत  ही जिले के स्कूलों से हर कार्यदिवस के रिपोर्ट फॉर्मेट में जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा लिये जा रहे हैं।

नये प्रावधान के तहत अब जिले के हर सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल हर कार्यदिवस की रिपोर्ट में ‘पाठ टीका के साथ वर्ग संचालन करने वाले शिक्षकों की संख्या’ भी बता रहे हैं।  इससे इतर 9वीं से 10वीं एवं 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले स्कूलों के प्रिंसिपल ‘पाठ टीका के साथ वर्ग संचालन करने वाले शिक्षकों की संख्या’ के साथ यह भी बता रहे हैं कि फिजीक्स, केमेस्ट्री एवं बॉयोलॉजी की प्रायोगिक कक्षाओं में कितने छात्र-छात्रा शामिल हुए।

आपको याद दिला दूं कि स्कूलों की मॉनीटरिंग रिपोर्ट में ‘पाठ टीका’ एवं लैब वर्क को शामिल करने के पहले हर कार्यदिवस को हर स्कूल के प्रिंसिपल अपनी रिपोर्ट में विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या, उपस्थित शिक्षकों की संख्या, अनधिकृत रूप से उपस्थित शिक्षकों की संख्या, विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकेतर कर्मियों की संख्या, अनधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षकेतर कर्मियों की संख्या, विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या, उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या एवं अनधिकृत अनुपस्थित शिक्षक-शिक्षकेतरकर्मियों के पदनाम के साथ नाम बता रहे थे।

यह सब तो प्रिंसिपल पहले की तरह ही अपनी रिपोर्ट में बता ही रहे हैं। इसके साथ ही अब पाठ टीका के साथ वर्ग संचालन करने वाले शिक्षकों की संख्या, प्रायोगिक वर्ग से लाभान्वित छात्र-छात्राओं की संख्या,  विद्यालय में नवगठित प्रबंध समिति के अध्यक्ष का नाम एवं इंस्पायर अवार्ड में नामित छात्र-छात्राओं की संख्या भी बता रहे हैं। अपनी रिपोर्ट में इंस्पायर अवार्ड में नामित छात्र-छात्राओं की संख्या 15 अक्तूबर तक प्रिंसिपल को बताने हैं।

खैर,  स्कूलों की मॉनीटरिंग रिपोर्ट में ‘पाठ टीका’ का प्रावधान किये जाने का असर यह है कि जिले के स्कूलों में शिक्षकों के हाथों में फिर से पाठ टीका दिखने लगे हैं। लैब वर्क को जोड़े जाने से प्रायोगशालाएं भी अब हर दिन खुलने लगी हैं।